Lok Sabha Election: चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2024 के चुनावी कार्यक्रम में यह है बदलाव

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार भी, जैसा कि 2019 में हुआ था, देश में सात चरणों में ही लोकसभा चुनाव करवाने की घोषणा की गई है। हालांकि, इस बार फेज वाइज तारीखों और सीटों की संख्या में बदलाव भी देखने को मिल रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार(Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) ने शनिवार को घोषित किए गए लोकसभा चुनाव- 2024 के कार्यक्रम के अनुसार बताया कि लोकसभा का चुनाव सात चरणों में होगा।

कितने सीटों पर मतदान होगा ?

पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को लोकसभा की 102 सीटों पर मतदान होगा। जबकि, दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को 89, तीसरे चरण के तहत 7 मई को 94, चौथे चरण के तहत 13 मई को 96, पांचवें चरण के तहत 20 मई को 49, छठे चरण के तहत 25 मई को 57 और सातवें चरण के तहत 1 जून को लोकसभा की 57 सीटों पर मतदान होगा। नतीजों की घोषणा 4 जून को होगी। 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो उस समय भी सात चरणों में ही मतदान हुआ था। वर्ष 2019 में 11 अप्रैल को पहले चरण में लोकसभा की 91 सीटों पर मतदान हुआ था।

जबकि, दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 95, तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 117, चौथे चरण में 29 अप्रैल को 71, पांचवें चरण में 6 मई को 50, छठे चरण में 12 मई को 59 और सातवें चरण में 19 मई को 59 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ था। नतीजों की घोषणा 23 मई 2019 को हुई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है। उन्होंने चुनाव के पर्व को देश का पर्व बताते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में चुनाव कराना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।

10.5 लाख मतदान केंद्र बनाए गए

लेकिन, आयोग ने पिछले दो वर्षों में इसे लेकर बड़ी तैयारी की है। उन्होंने कहा कि आयोग ने देश के सभी जिलों के डीएम और एसएसपी या एसपी से बात की है, तमाम स्तरों पर व्यापक तैयारी की है। इस बार 97 करोड़ के लगभग (96.8 करोड़) पंजीकृत मतदाता हैं, देश में 10.5 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव कराने के लिए 1.5 करोड़ मतदान अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारी हैं, 55 लाख ईवीएम और 4 लाख वाहन की व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और चुनाव में हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही चुनाव में धन बल और बाहुबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी दावा किया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सबकी भागीदारी से चुनाव आयोग यादगार, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने में कामयाब होगा।