सभी फीचर फोन जल्द बदल जाएंगे स्मार्टफोन में

मोबाइल फोन उद्योग के शीर्ष संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां देश में निचले तबके के लोगों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले फीचर फोन को स्मार्टफोन में बदलने की योजना पर काम कर रही हैं।

आईसीईए के एक वेबिनार में भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन एवं एमडी हरि ओम राय ने कहा कि हम देश में मौजूदा सभी फीचर फोन को स्मार्टफोन से बदलने की योजना पर काम कर रहे हैं। योजना तैयार होने में और दो महीने लगेंगे।

इससे देश में न सिर्फ सिरे से बदलाव आएगा बल्कि यह एप पारिस्थितिकी तंत्र और मौलिक सॉफ्टवेयर के बीच भेद सुनिश्चित करेगा। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय साहनी ने कहा कि घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं को मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर भी काम शुरू करना चाहिए, जिसमें भारतीय डीएनए हो।

इस दौरान प्रशासन संचालन में स्मार्टफोन की भूमिका पर रिपोर्ट भी जारी की गई। इसे आईसीईए और केपीएमजी ने बनाया है। इसमें 2022 तक देश में कुल 82.9 करोड़ स्मार्टफोन होने का अनुमान जताया गया है, जो 60 फीसदी आबादी के बराबर है। अभी कुल 45 करोड़ स्मार्टफोन हैं।
 
नए एप बनाने की योग्यता
साहनी ने कहा, आज देश में किसी भी तरह की प्रौद्योगिकी पर काम किया जा सकता है। हमारे पास नए एप बनाने की योग्यता है।   इसके बावजूद मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर वाले हिस्से मसलन ऑपरेटिंग सिस्टम और रोजाना इस्तेमाल होने वाले एप को बनाना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, देश डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। सरकार 300 से ज्यादा एप के जरिए नागरिकों तक विभिन्न सुविधाएं पहुंचा रही है।
 
सस्ते फोन पर ध्यान
वेबिनार में स्मार्टफोन की कीमतों को लेकर भी चर्चा हुई। इसमें कहा गया कि अगर निचले तबके के लोगों तक स्मार्टफोन पहुंचाने के लिए इसकी कीमतों पर ध्यान देना जरूरी है। हमें ऐसे सस्ते स्मार्टफोन बनाने होंगे, जिसके जरिए सरकार की डिजिटलीकरण योजना का लाभ देश के निचले तबके के लोगों तक पहुंचाया जा सके।