अब स्पेशल ट्रेनों में वेटिंग टिकट वालों को भी मिलेगा सफर का चांस

कोरोना वायरस के चलते देश में लंबे लॉकडाउन से बड़ी असुविधा का सामना कर रहे लोग अब ट्रेनों के संचालन शुरू होते ही घरों के लिए निकलने लगे हैं। बड़ी संख्या में बुकिंग के चलते लोगों के टिकट वेटिंग में भी रह गए हैं। ऐसे में अब सरकार वेटिंग टिकट वालों को भी सफर की सुविधा दे रही है। इसके लिए कल से बुकिंग शुरू हो जाएगी। मेल, एक्सप्रेस और कुर्सी यान सेवा जल्द फिर से शुरू करने की संभावना का संकेत देते हुए रेलवे बोर्ड ने न केवल अपनी वर्तमान स्पेशल ट्रेनों बल्कि अपनी आगामी सभी ट्रेनों में यात्रा के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची का प्रावधान शुरू करने संबंधी आदेश बुधवार को जारी किया।

22 मई से शुरू होगी वेटिंग टिकट की बुकिंग

वर्तमान विशेष ट्रेनों में केवल पक्के टिकट बुक किये जा रहे थे, वहीं 22 मई से शुरू हो रही यात्राओं के वास्ते 15 मई से टिकटों की बुकिंग में प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक कराने का प्रावधान होगा। हालांकि रेलवे ने इन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की सीमा एसी थ्री टायर के लिए 100, एसी टू टायर के लिए 50, स्लीपर क्लास के लिए 200, चेयर कार के लिए 100 और फर्स्ट एसी तथा एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 20-20 तय की थी।

बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के लिए भी सेवाएं शुरू

रेलवे के विभिन्न जोन को भेजे गये बोर्ड के इस आदेश से संकेत मिलता है कि रेलवे वर्तमान वातानुकूलित ट्रेनों की बजाय मिली-जुली सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। इसका यह भी मतलब है कि बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के लिए भी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। इन ट्रेनों में तत्काल या प्रीमियम तत्काल कोटा और वरिष्ठ नागरिक कोटा उपलब्ध नहीं होगा। आरएसी टिकट भी नहीं होंगे। पहले अधिकारियों ने बताया था कि प्रतीक्षा सूची वाले टिकट धारक को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें उनके टिकट की पूरी कीमत वापस की जाएगी।

पटना विदा हुई ट्रेन में 87 फीसद यात्री ही थे

दिल्ली और देश के बड़े शहरों के बीच 12 मई से 15 ट्रेनें चलाकर रेलवे द्वारा अपनी यात्री सेवाएं शुरू करने के साथ ही बुधवार को 9000 से अधिक लोग नौ ट्रेनों से राष्ट्रीय राजधानी से विदा हुए। आंकड़े के अनुसार दिल्ली से जो नौ ट्रेनें रवाना हुई, उनमें से हावड़ा, जम्मू, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, डिब्रूगढ़, मुम्बई, रांची और अहमदाबाद की ट्रेनों में उनकी क्षमता से अधिक बुकिंग थी। बस बिहार की राजधानी पटना विदा हुई ट्रेन में 87 फीसद यात्री ही थे । आधिकारिक आंकड़े के अनुसार बुधवार तक 2,08,965 यात्रियों ने अगले सात दिनों के दौरान सफर के लिए इन स्पेशल ट्रेनों में टिकट बुक कराये थे। एक अधिकारी ने कहा,” ओवरबुकिंग का यह मतलब नहीं है कि यात्री ट्रेन में आने जाने की जगह खड़े हैं। इसका बस यह मतलब है लोग ठहराव स्टेशनों पर चढ़ रहे हैं और उतर रहे हैं, इसी वजह से कई बुकिंग है। पटना की ट्रेन में कम यात्रियों की वजह के बारे में अधिकारियों का कहना था कि चूंकि एक मई से 100 से अधिक ट्रेनें श्रमिकों को लेकर बिहार गयीं इसलिए इस ट्रेन में क्षमता से कम यात्री थे।