आसाराम के फैसले के लिए 25 को जेल में लगेगी अदालत, कड़े होंगे सुरक्षा प्रबंध

यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम के फैसले के लिए 25 अप्रैल को जेल में अदालत लगाई जाएगी. वहीं पर आसाराम का फैसला सुनाया जाएगा. मंगलवार को हाईकोर्ट जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास व जस्टिस रामचंद्र सिंह झाला की खंडपीठ ने पुलिस की ओर से दायर की गई अर्जी को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है. एससी एसटी कोर्ट पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा सेशन कोर्ट जज जेल में ही फैसला सुनाएंगे. कोर्ट के बाहर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे.

आसाराम के मामले में फैसले के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय है. सजा सुनाए जाने के दौरान बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थकों के जोधपुर शहर पहुंचने की पुलिस को खुफिया रिपोर्ट मिली थी. इस पर पुलिस ने हाईकोर्ट में अर्जी पेश कर आसाराम का फैसला जेल से ही सुनवाए जाने की दरखास्त लगाई थी. इसमें मंगलवार को हाईकोर्ट जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की खंडपीठ ने आसाराम को जेल में ही फैसला सुनाने का आदेश दिए. कोर्ट ने एएजी शिवकुमार व्यास की दलीलों को स्वीकार करते हुए आदेश में यह बात लिखी कि आमजन व आसाराम की सुरक्षा को देखते हुए फैसला कोर्ट में ही सुनाया जाना उचित होगा.

एएजी शिवकुमार व्यास ने बताया कि कोर्ट ने उक्त आदेश में रिपोर्टेबल जजमेंटस का हवाला देते हुए कहा है कि पब्लिक प्रोपर्टी को नुकसान नहीं हो. इसके साथ ही आमजन की सुरक्षा व्यवस्था तथा आसाराम के समर्थकों की ज्यादा तादाद के कारण कहीं यहां भी राम रहीम केस जैसी स्थिति पैदा नहीं हो इसके लिए आरोपी आसाराम मामले में जेल में फैसला सुनाया जाना आवश्यक है.

खंडपीठ द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. डीसीपी ईस्ट अमनदीप सिंह कपूर ने कहा कि निश्चित तौर पर फैसला पुलिस के लिए एक राहत भरा है. अब पुलिस शहर में कानून व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे पाएगी. पुलिस को आसाराम को जेल से कोर्ट नहीं ले जाना पड़ेगा.