बिहार IIT के बच्चों ने कम खर्च में एक फेस शील्ड आविष्कार किया

बिहार में IIT के बच्चों ने कमाल कर दिया है। राजधानी पटना के बिहटा IIT में कम संसाधनों और कम खर्च के साथ एक फेस शील्ड बना ली गई है। सिविलियन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड इन्क्यूबेशन सेन्टर और आईआईटी पटना ने मिलकर कोरोना के फ्रंट लाइन योद्धाओं यानि डॉक्टरों और नर्सों के लिए फेस शील्ड का आविष्कार किया है। इस शील्ड से इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्सों को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सकता है।

कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि ये शील्ड आईआईटी पटना के बच्चों के साथ मिलकर बनाया गया है। इसके लिए कंपनी में उपलब्ध 3D प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी ने 25 फेस शील्ड रुबन हॉस्पिटल एवं नालंदा मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करवाया है एवं करीब 200 फेस शील्ड बिहार के अन्य अस्पतालों को दान करेगी।

बिहटा IIT की एंटी कोरोना रोबोटिक्स में भी अहम भूमिका

इसके अलावा सिविलियन रोबोटिक्स कोरोना से निपटने के लिए रोबोट्स का भी निर्माण कर रही है जिसे कोरोना मरीजों की देखभाल में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि डॉक्टर एवं नर्स सीधे संक्रमण से सुरक्षित रहें। आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रमोद कुमार तिवारी, यांत्रिकी विभाग के अतुल ठाकुर और ऋषि राज इस टीम का हिस्सा हैं।

दावा है कि कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग शोध कर के नए-नए सेनेटाइजिंग रोबोट्स, ड्रोन्स एवं नर्स रोबोट्स को भी बनाया जा रहा है। टीम में शामिल सदस्यों के मुताबिक अगर संसाधन मिलें तो एक दिन में एक हजार प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं।