राहुल गांधी के सवाल पर अभिजीत बनर्जी ने महाराष्ट्र को ऐसे घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस का भारत के लोगों और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अपने संवाद की दूसरी कड़ी में मंगलवार को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी से बात की. इस राहुल ने केंद्रीकरण-विकेंद्रीकरण के मुद्दे पर सवाल किया और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की. हालांकि इस दौरान बनर्जी ने महाराष्ट्र सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.

दरअसल बातचीत के दौरान राहुल ने पूछा-‘केंद्रीकरण और विकेंद्रीकरण के बीच एक संतुलन है. प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषताएं हैं. केरल कुछ अलग कर रहा है, यूपी कुछ अलग. लेकिन इसमें केंद्र सरकार की भी विशेष भूमिका है. इन दो विचारों के बीच तनाव को देखा जा सकता है.’

इसके जवाब में बनर्जी ने कहा-‘आप सही हैं. प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. इसे द्विपक्षीय रूप से संभालना मुश्किल है. यह एक ऐसी समस्या है, जिसका आप विकेंद्रीकरण नहीं करना चाहेंगे. क्योंकि आप वास्तव में जानकारी एकत्र करना चाहते हैं. यदि लोग संक्रमित हैं, तो आप नहीं चाहते कि वे पूरे देश में घूमें. मुझे लगता है कि ट्रेन पकड़ने या यात्रा करने से पहले, सरकार को ऐसे लोगों का टेस्ट करना चाहिए. यह एक मुख्य सवाल है और जिसे केवल केंद्र सरकार सुलझा सकती है.’

महाराष्ट्र को ऐसे घेरा अभिजीत बनर्जी ने

बनर्जी ने कहा-‘यूपी सरकार को बताएं कि आप अपने प्रवासियों को घर नहीं ला सकते हैं. दूसरी तरफ, मुंबई शहर में प्रवासियों के लिए प्रबंध करने का प्रश्न महाराष्ट्र सरकार या मुंबई सिटी नगर पालिका की समस्या है. इस समस्या का समाधान केंद्र सरकार द्वारा नहीं हो सकता. मुझे लगता है कि आप उस पर सही हैं. लेकिन अभी उस पर सरकार का क्या विचार है. ऐसा लग रहा है कि इसका समाधान नहीं किया जा सकता है. लेकिन लंबे समय में, हमें उन संस्थानों के बारे में सोचने की जरूरत है, जो मजबूत हो. हालांकि, मैं नहीं देख पा रहा कि अभी हम इस बारे में कुछ कर सकते हैं.’

फिर अभिजीत ने कहा-‘मुझे लगता है कि विकल्प बनाने होंगे. जितना संभव हो सके विकेंद्रीकरण हो, जो स्थानीय स्तर पर संभाल सकते हैं, तो ये अच्छी बात है. वो काम छांटने होंगे, जिन्हें जिला और राज्य स्तर पर संभाला जा सकता है. लेकिन एयरलाइन और रेलवे जैसे मुद्दों पर जिला कलेक्टर फैसला नहीं ले सकते. इसलिए बड़े फैसले राष्ट्रीय स्तर पर होने चाहिए. लेकिन लॉकडाउन के मामले में भी, राज्यों को स्वतंत्रता देनी चाहिए यानी राज्य लॉकडाउन करना चाहते हैं, तो वो अपने यहां लॉकडाउन की प्रकृति को समझकर लॉकडाउन करें.’

राहुल ने कहा-राज्यों को विकल्प दें

राहुल ने कहा, ‘राज्यों को विकल्प दें और उन्हें तय करने दें कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं. अगर राज्यों पर जिम्मेदारी आती है, तो वो इससे बेहतर तरीके से निपटेंगे. वर्तमान सरकार का दृष्टिकोण थोड़ा अलग है. वो इसे अपने नियंत्रण में रखना पसंद करती है. ये दो दृष्टिकोण हैं, जरूरी नहीं कि एक गलत और एक सही हो. मैं विकेंद्रीकरण पर जोर देता हूं.’

इसके जवाब में बनर्जी ने कहा-‘सबसे पहले गरीबों तक पहुंचने के लिए अच्छी योजनाओं के प्रस्ताव के लिए पैसों की घोषणा करें और कुछ नया करके देखें. अधिकांश राज्यों में अच्छे एनजीओ हैं, जिन्हें उस प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है और जैसा कि आपने कहा कि जिलाधिकारी अक्सर बेहतर विचार रखते हैं. और हम सब उससे लाभान्वित हो सकते हैं.’