हरियाणा सरकार:छात्रों से पूछा ,क्या मां-बाप का पेशा है ‘गंदा’ 

हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों में छात्रों से उनके परिवार, जाति, धर्म, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट के साथ साथ यह पूछकर सबको चौंका दिया है कि क्या उनके मां-बाप किसी ‘अस्वच्छ’ पेशे में तो नहीं लगे हैं. गुरुग्राम व पंचकुला सहित पूरे हरियाणा में स्कूलों ने दो पेज का फॉर्म छात्रों को दिया है, जिसमें ये सारी सूचनाएं मांगी गई हैं.

राज्य सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यह बात नहीं पता कि इस फॉर्म को किसने जारी किया है. जबकि इस फॉर्म में हरियाणा सरकार का लोगो है.

प्राइवेट स्कूल अथॉरिटी का कहना है कि ये सूचना राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई है न कि स्कूल द्वारा. एक और स्कूल का कहना है कि यह फॉर्म हरियाणा सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन से आया है.

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खट्टर सरकार ने 100 बिंदुओं वाला फॉर्म जारी किया है. वास्तव में यह छात्रों व उनके मां-बाप पर निगरानी रखने जैसा है. जिस तरह से उनकी व्यक्तिगत सूचना मांगी जा रही है वो पागलपन की हद है. मां-बार के पेशे को अस्वच्छ कहना बहुत ही बेतुका है. निगरानी करना बीजेपी के डीएनए में शामिल है.

एक परेशान अभिभावक ने कहा कि छात्रों से उनके जाति व धर्म के बारे मे पूछा जाना दुखद है. अगर किसी छात्र के मां-बाप अलग-अलग धर्मों के हों, जैसे इस क्षेत्र में सिक्ख व हिंदू में शादी आम बात है, तो छात्र अपना धर्म क्या बताएगा. फिर छात्रों के बैंक डिटेल की क्या ज़रूरत है. छात्रों से आनुवांशिक बीमारियों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है. एक दूसरे अभिभावक ने कहा कि उन्हें इतनी सारी जानकारियों की क्या ज़रूरत है. बता दें कि हरियाणा में 2014 से बीजेपी सरकार है. हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर संघ से जुड़े रहे हैं.