lockdown : रेलवे ने ऐसे जोड़ा शहरों को

24 मार्च से देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था. रेल और हवाई ट्रांसपोर्ट भी बंद कर दिया गया था. लेकिन छूट मिली थी तो सिर्फ भारतीय रेलवे को, वो भी जरूरी सामान की ढुलाई के लिए. रेलवे ने भी सब्जी, दूध और दूध से बने सामान की सप्लाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. स्पेशल गुड्स ट्रेन से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के बड़े शहरों को एक कड़ी से जोड़ दिया. 5 मई तक रेलवे ने 2 हज़ार से ज़्यादा ट्रेन चलाईं. हज़ारों टन सामान पहुंचाने के साथ ही करीब 20 करोड़ रुपये की कमाई भी की.

82 रूट पर चलाई गईं 2067 गुड्स ट्रेन

5 मई तक रेलवे ने लॉकडाउन में जरूरी सामान की सप्लाई को देखते हुए 2067 गुड्स ट्रेन चलाईं. हर छोटे-बड़े शहर तक सब्जी, दूध और दूध से बना सामान वक्त से पहुंच जाए इसके लिए रेलवे ने 82 रूट्स का एक प्लान बनाया था. इसी प्लान पर काम करते हुए रेलवे ने माल की ढुलाई शुरु कर दी. रेलवे की मानें तो उसने 5 मई तक 54292 टन सामान की ढुलाई की है. इसके बदले रेलवे को 19.77 करोड़ रुपये की कमाई भी हुई है.

86 स्पेशल ट्रेन से वकत पर पहुंचाया दूध-सब्जी

रेलवे के जानकारों का कहना है कि खासतौर से सब्जी, दूध और दूध से बना सामान सप्लाई करने के लिए हमने 86 स्पेशल ट्रेन का संचालन किया था. खासतौर से गुजरात और आंध्रा प्रदेश से दूध लेकर उसे देश के जरूरतमंद दूसरे शहरों में पहुंचाया गया. दवाएं और चिकित्सा सामान भी सप्लाई किया गया. यह सभी ट्रेन टाइम फ्रेम में चलाई गईं थी. सभी का टाइम तय था. खास बात यह है कि इसी तरह की स्पेशल ट्रेन से बीमारी से पीड़ित बच्चों को राजस्थान के पाली शहर से ऊंटनी का दूध भी सप्लाई किया गया.

ई-कॉमर्स कंपनियों को उपलब्ध कराए छोटे पार्सल वैन

लॉकडाउन को देखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों का रोल खासा अहम होने जा रहा है. वहीं चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेलवे ने ई-कॉमर्स कंपनियों को छोटे पार्सल वैन उपलब्ध करा दिए हैं.

इस बारे में रेलवे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पब्लिक इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी राजेश वाजपेयी का कहना है कि लॉकडाउन और मौजूदा माहौल का देखते हुए हम हर छोटे-बड़े सामान की ढुलाई कर रहे हैं. सीधे तौर पर भी जनता की दवाइयां दूसरे शहरों तक पहुंचा रहे हैं. हमारा यह काम अभी जारी रहेगा. इस काम में अभी हम नफा-नुकसान के बारे में नहीं सोच रहे हैं.