अरविंद केजरीवाल – पीएम मोदी विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री के साथ भेदभाव भरा व्यवहार करते हैं.

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक दिन के उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को समर्थन देने के लिए कई विपक्षी दलों के नेता आंध्र भवन पहुंचे. इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे, जिन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री के साथ भेदभाव भरा व्यवहार करते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘जब कोई एक राज्य का मुख्यमंत्री बनता है तो वह सिर्फ पार्टी का मुख्यमंत्री नहीं होता वह पूरे राज्य का मुख्यमंत्री होता है. इसी तरह जब प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह किसी पार्टी के नहीं पूरे देश के प्रधानमंत्री होते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री जी विपक्षी राज्य सरकारों के साथ ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे वह हिंदुस्तान के नहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों.’

अरविंद केजरीवाल ने साथ ही कहा, ‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और हज़ारों लोगों को दिल्ली में आकर धरना देना पड़ रहा है. यह बहुत दुख की बात है. मोदी जी झूठ बोलने के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. वह जो भी कहते हैं कभी पूरा नहीं होता. मोदी जी ने एक दिन तिरुपति के मंदिर जाकर कहा था कि वह आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देंगे. बाद में इस बात से उन्होंने इनकार कर दिया.

आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने कहा कि उनकी पूरी पार्टी आंध्र प्रदेश के साथ है. उन्होंने कहा, ‘यह लड़ाई केवल आंध्र प्रदेश की लड़ाई नहीं है पुरे देश की लड़ाई है. हम सब तन-मन-धन से उनके साथ हैं.’

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर चंद्रबाबू नायडू के प्रति समर्थन जताने के लिए आंध्र भवन पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा, ‘मैं आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ खड़ा हूं. वह किस तरह के पीएम हैं? उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों से किया वादा नहीं पूरा गया. मोदी जी कहीं भी जाते हैं तो झूठ बोलते हैं. उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं बची है.’

बता दें कि चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र के किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर यह भूख हड़ताल कर रहे हैं. नायडू की यह भूख हड़ताल सोमवार सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक आंध्र भवन में जारी रहेगा. इसके अगले दिन यानी मंगलवार 12 फरवरी को वो राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे.

गौरतलब है कि एक वक्त एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही टीडीपी ने इस मुद्दे पर पिछले साल (2018) में केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. नायडू वर्ष 2014 में हुए राज्य बंटवारे में आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय होने की बात कहते रहे हैं.