कुलभुषण जाधव मामलाःयुएन कोर्ट में भारत ने पाकिस्तान पर लागये आरोप

(Kulbhushan Jadhav) को जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले की चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई सोमवार को शुरू हुई। सुनवाई के पहले दिन भारत ने दो मूल मुद्दों के आधार पर अपना पक्ष रखा जिसमें राजनयिक संपर्क पर वियना संधि का उल्लंघन शामिल है। पढ़ें सुनवाई की दस खास बातें:

1-भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा, यह ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक निर्दोष भारतीय की जिंदगी दांव पर है।

2-उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह से जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं। साल्वे ने कहा कि राजनयिक संपर्क के बिना जाधव को निरंतर हिरासत में रखने को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए।

3-इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए कर रहा है। पाकिस्तान को बिना देरी राजनयिक संपर्क की अनुमति देनी चाहिए थी।

4-भारत ने जाधव को राजनयिक से मिलने देने के लिए पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे हैं लेकिन इस्लामाबाद ने अब तक इसकी अनुमति नहीं दी है।

5-पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से जाधव को उस समय गिरफ्तार किया था जब वह कथित रूप से ईरान से घुसा था। हालांकि, भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां उनके नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद कारोबारी हित थे। जाधव की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

6-सुनवाई में भारत ने पाकिस्तान पर आईसीजे का दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

7-सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के करीब एक महीने बाद प्राथमिकी दर्ज की थी। साल्वे ने कहा, ”अप्रैल 2016 में जाधव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और मई 2016 में जाधव से पूछताछ हुई और भारत ने मई, जून और जुलाई में राजनयिक संपर्क के लिए रिमाइंडर भेजे।

8-भारत ने पाकिस्तान को राजनयिक संपर्क की अनुमति के लिए 13 रिमाइंडर भेजे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

9-साल्वे ने कहा, पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आरोपों के खुलासे को लेकर शर्मिंदा है।

10-उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को उसके अधिकार नहीं बताए।