क्या कर रहे थे मोदी , जब भारतीय वायुसेना पीओके में घुसकर जैश के ठिकानों को बर्बाद कर रहा था

पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भारत ने न सिर्फ बदला लिया है, बल्कि आतंकवादियों की कमर तोड़ दी है. एलओसी पार कर पीओके के आतंकी कैंप पर (Air strike on Terrorist Camp) भारतीय वायुसेना (indian aviation based armed forces) ने हवाई हमला किया और उसके सारे कैम्पों को तबाह कर दिया. इतना ही नहीं, सरकारी सूत्रों ने खबर दी है कि वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में करीब 300 आतंकवादी मारे गए हैं. सूत्रों की मानें तो भारतीय वायुसेना जब पीओके में घुसकर जैश के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रहा था, तब वॉर रूम में पीएम मोदी अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन के वक्त दिल्ली में स्थित वॉर रूम में पीएम मोदी मौजूद थे. उनके साथ उस वॉर रूम में रक्षा मंत्री और एनएसए अजीत डोभाल भी थे. इसी वॉर रूम से ऑपरेशन पर पीएम मोदी नजर बनाए हुए थे. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने कई बार दोहराया था कि भारत आतंकियों से पुलवामा का बदला लेगा.

सरकार की ओर से मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था. इतना ही नहीं, जैश के सभी कैंपों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में जैश के ट्रेनर और आतंकी मारे गए.

एलओसी के पार भारतीय वायुसेना के स्ट्राइक में बालाकोट, चकोठी और मुजफ्फराबाद के टेरर लॉन्च पैड को पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. जैश-ए-मोहम्मद के कंट्रोल रूम में भी पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. दरअसल, सोमवार की देर रात 3.30 बजे (मंगलवार सुबह 3.30 बजे) के करीब भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने पीओके के पार जाकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों पर हमला बोला. यह हमला पूरी तरह से सफल हुआ है. इस हवाई हमले में जैश के सभी आतंकी कैंप नष्ट हो गए. बताया यह भी जा रहा है कि इन कैंपों में लश्कर और हिज्बुल के भी कैंप शामिल थे.

भारतीय वायुसेना को इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने में 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लेना पड़ा. इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए. बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.