डीटीसी अंतरराज्यीय बस सेवा को फिर शुरू करेगी

दिल्ली सरकार एक बार फिर डीटीसी की अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसी सप्ताह परिवहन विभाग के आला अधिकारियों की बैठक बुलाई है।

डीटीसी वर्ष 2004 के पहले तक अंतरराज्यीय बस सेवा उपलब्ध कराती थी। बीते करीब डेढ़ दशक से यह सेवा बंद हो गई है। दरअसल, डीटीसी के बेड़े में वर्ष 2004 के बाद से सीएनजी चालित बसों का परिचालन शुरू हो गया था। धीरे-धीरे डीजल बसें घटती चली गईं। उस समय दिल्ली के बाहर सीएनजी की उपलब्धता नहीं थी। तब अधिकारियों ने बसों की कम होती संख्या और अंतरराज्यीय बस रूट पर सीएनजी पंप उपलब्ध नहीं होने का हवाला देते हुए एनसीआर के आगे के अंतरराज्यीय रूट को बंद कर दिया।

दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अब दिल्ली सरकार एक बार फिर एनसीआर के शहरों से आगे डीटीसी की अंतरराज्यीय बस सेवा को शुरू करना चाहती है। 7 फरवरी को इसे लेकर एक बैठक भी बुलाई गई है।

सीएनजी पंप की उपलब्धता वाले शहरों तक चलाने पर विचार : सूत्रों की मानें तो सरकार सभी राज्यों के बजाय फिलहाल 250 से 300 किलोमीटर के उन शहरों तक अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करना चाहती है, जहां पर सीएनजी पंप की उपलब्धता है। अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी के साथ बैठक में आने के लिए कहा गया है। ताकि अंतरराज्यीय बसें चलाने को लेकर जल्द योजना बनाईजा सके। इसमें आगरा, हरिद्वार, मेरठ, चंडीगढ़ जैसे शहर शामिल हो सकते हैं।

अभी एनसीआर रूट पर चल रहीं हैं बसें : वर्तमान में अंतरराज्यीय बस सेवा के नाम पर दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद तक ही डीटीसी की सेवाएं चल रही हैं। इसमें नौ के करीब नियमित रूट हैं। जबकि, कुछ मार्ग अस्थायी रूप से चलाए जा रहे हैं। इन मार्गों पर अलग-अलग समय पर कुल 70 से अधिक दिल्ली परिवहन निगम की बसें उपलब्ध हैं।

स्टैंड पर बस नहीं रोकी तो चालकों पर होगी कार्रवाई

दिल्ली सरकार ने उन बस चालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है, जो स्टैंड पर बस नहीं रोकते हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीटीसी के इनफोर्समेंट टीम को ट्रैफिक पुलिस के साथ अभियान चलाकर कार्रवाई का आदेश दिया है। गहलोत ने कहा है कि कम से कम 30 स्थानों पर टीमें तैनात कर ऐसे चालकों के खिलाफ कार्रवाई करें।

दरअसल, परिवहन विभाग के जरिए सरकार को बीच लेन में बस रोक देने और तय जगह पर बस नहीं रोकने की शिकायत मिल रही थी। बस चालक कई बार बगैर बस रोके ट्रैफिक के बीच से बस लेकर चले जाते हैं। यात्रियों को ट्रैफिक के बीच भागकर बस पकड़ने के चक्कर में हादसे की संभावना भी बनी रहती है। इस पर परिवहन मंत्री ने संज्ञान लेते हुए डीटीसी को ऐसे चालकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस संबंध में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया है कि वह भी कम से कम 30 लोकेशन पर बस स्टैंड के पास टीम बनाकर ऐसे चालकों को चिन्हित करें। कानून के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

127 ई-फीडर बसें उतारेगी दिल्ली मेट्रो

नई दिल्ली (व.सं.) | मेट्रो स्टेशन से घर तक आवाजाही के लिए दिल्ली मेट्रो एसी ई-फीडर बसें उतारने जा रही है। पहले चरण में कुल 127 एसी ई-फीडर बसें लाई जाएंगी। डीएमआरसी ने इसके लिए निविदा जारी कर दी है। यह पहला मौका है, जब मेट्रो सीएनजी के बजाय ई-फीडर बस लाने जा रही है। मेट्रो स्टेशन से यात्रियों को घर तक पहुंचाने के लिएअभी 11 स्टेशनों से ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं।

डीएमआरसी ने पहले चरण में दो पूर्वी और मध्य दिल्ली में पड़ने वाले मेट्रो स्टेशनों के लिए ई-फीडर बस चलाएगी। पूर्वी दिल्ली के मेट्रो स्टेशन के लिए कुल 62 और मध्य दिल्ली के मेट्रो स्टेशन के लिए एसी 65 ई-फीडर बसें आएंगी। यह बसें न्यूनतम 7 मीटर और अधिकतम 9.4 मीटर लंबी होंगी। इसमें 16 से 22 यात्रियों के लिए बैठने की जगह होगी। बस में जीपीएस के साथ सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगें होंगे। मेट्रो को 127 बस लाने के लिए कुल 668.79 करोड़ का खर्च आएगा।

शास्त्री पार्क, झिलमिल और कश्मीरी गेट में डिपो : ई-फीडर बसों के लिए पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क, झिलमिल और मध्य दिल्ली के कश्मीरी गेट में डिपो बनेगा। यहां पार्किंग व चार्जिंग के अलावा रखरखाव-धुलाई की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी।