तेजप्रताप ने बनाया लालू-राबड़ी मोर्चा, ससुर चंद्रिका राय के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

लोकसभा चुनाव से पहले बागी रुख अख्तियार करनेवाले राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) अध्यक्ष लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप (Tej Pratap Yadav) ने सोमवार को बड़ा फैसले लेते हुए नई पार्टी का ऐलान किया है। तेज प्रताप ने नई पार्टी बनाई है, जिसका नाम रखा है-लालू राबड़ी मोर्चा।

तेज प्रताप ने अलग पार्टी के ऐलान के साथ ही आरजेडी के सामने नई शर्त रख दी है। तेजप्रताप ने कहा कि वह दो सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसके लिए महागठबंधन से उन्हें शिवहर और जहानाबाद लोकसभा सीट दी जाए।

ससुर चंद्रिका राय के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तेजप्रताप

सारण सीट से लड़ने के लिए तेजप्रताप ने अपनी मां राबड़ी देवी से आग्रह किया। लेकिन यह भी कहा कि अगर वह नहीं लड़ीं तो वह खुद वहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरेंगे। यह सीट लालू प्रसाद की है। यहां से हर हाल में परिवार का ही कोई लड़ेगा। इसी के साथ उनके उम्मीदवारों की संख्या दो से बढ़कर चार हो गई। उम्मीदवारों की सूची में राजन तिवारी का भी नाम है।

आरजेडी ने चंद्रिका राय को सारण से दिया है टिकट

उल्लेखनीय है कि सारण सीट से राजद ने तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय को टिकट दिया है। तेजप्रताप ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोर्चा के गठन की घोषणा की। प्रेस वार्ता में उनके उम्मीदवार के रूप में बेतिया से लड़ने वाले राजन तिवारी के साथ जहानाबाद के चन्द्र प्रकाश, शिवहर के अंगेश कुमार और हाजीपुर के बालिन्द्र दास भी थे। कहा कि वह खुद इन चारों उम्मीदवारों का प्रचार करेंगे। वैसे मोर्चा बीस सीटों का मुआयना करेगा। जहां से भी निष्ठावान कार्याकर्ताओं को टिकट मिला है, वहां उनका प्रचार किया जाएगा। अन्यथा राजद को मजबूत करने में शुरू से लगे कार्यकर्ताओं को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारूंगा।

एक सवाल पर तेजप्रताप ने स्वीकार किया कि शिवहर और जहानाबाद से उनके उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दे दिया तो वे मान जाएंगे। साथ ही कहा कि हमारा मोर्चा राजद से अलग नहीं है। मोर्चा के बैनर में लालू-राबड़ी के अलावा तेजस्वी यादव की भी तस्वीर है। तेजस्वी हमारा अर्जुन है। परिवार में कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन कुछ लोग वहां बैठकर भाइयों को लड़ाने में लगे हैं। ऐसे लोग पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं जो हमारे यहां आते और वहां भी जाते हैं। इधर की बात उधर करते हैं।