दिल्ली में प्रदूषण और घने कोहरे के कारण शीतलहर का प्रकोप बढ़ा

दिल्ली में प्रदूषण और घने कोहरे के कारण शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है. हवा की गति कम होने के कारण वायु गुणवत्ता ‘और खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, शुक्रवार सुबह की विजिबिलिटी कम होने के कारण लगभग 10 ट्रेनें देर से चलीं और सुबह का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहा.

सुबह के समय घना कोहरा होने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार को विमानों का परिचालन भी बाधित रहा. विजिबिलिटी केवल 50 मीटर होने के कारण सुबह 5:30 बजे से सुबह 7 बजे के बीच कई फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया.

एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, ‘विमानों का परिचालन रुका हुआ है. बहुत कम विमानों ने उड़ान भरी है और वह भी उनके आकार, विजिबिलिटी और उड़ान भरने के लिए वायु यातायात नियंत्रण मंजूरी के आधार पर.’ उन्होंने बताया कि सिंगापुर से आईजीआई एयरपोर्ट आ रहे एक विमान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया. उसे कोलकाता ले जाया गया. दिल्ली में रनवे पर उड़ान भरने के लिए 125 मीटर की न्यूनतम विजिबिलिटी की जरूरत होती है.

हवा की गुणवत्ता रविवार तक गंभीर थी लेकिन हवा की गति सुधरकर 20 किमी प्रति घंटे होने से वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ और मंगलवार तक यह ‘खराब’ श्रेणी तक आ गई थी. बुधवार को हवा की गति दोबारा कम होने से हवा की गुणवत्ता फिर से खराब हो गई और ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई.

सीपीसीबी ने कहा कि गुरुवार को वायु गुणवत्ता 31 इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी, जबकि दो इलाकों में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि गुड़गांव में ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. दिल्ली में पीएम 2.5 का लेवल 345 है, जबकि पीएम 10 का लेवल 513 दर्ज किया गया.

केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा कि पूरे दिल्ली में समग्र एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. बताते चलें कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 और 200 के बीच होता है तब उसे ‘मध्यम’ श्रेणी का माना जाता है, 201 और 300 के बीच होने पर ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, जबकि 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी का माना जाता है.