नॉर्थ MCD : आप पार्षद विकास गोयल पर  बीजेपी पार्षद ने थप्पड़ और घूसे बरसाने लगे

सालों बाद चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल सभागार में सोमवार को नॉर्थ एमसीडी सदन की मीटिंग बुलाई गई थी लेकिन इस ऐतिहासिक सभागार में आयोजित मीटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी पार्षद और बीजेपी पार्षद एक-दूसरे से उलझ गए। मामला इतना आगे बढ़ गया कि बीजेपी पार्षद सुरेंद्र खरब आप पार्षद विकास गोयल पर थप्पड़ और घूसे बरसाने लगे। इससे नाराज आप नेता सदन में ही धरने पर बैठ गए, जिसके बाद मेयर ने थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित कर दिया। दोबारा सदन शुरू हुआ तो आप पार्षदों ने उसका बहिष्कार कर दिया।

मीटिंग शुरू होने के साथ ही नेता सदन तिलक राज कटारिया ने टाउन हॉल के इतिहास पर स्पीच दी और साथ ही फंड न देने पर दिल्ली सरकार को भी कोसा। इसके बाद नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा ने दिल्ली सरकार को कोसने पर बीजेपी नेताओं को जमकर लताड़ लगाई। इसी बीच सदन में मौजूद एक बीजेपी पार्षद बोल पड़े और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। आप के पार्षदों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

आरोप है कि नारेबाजी के बीच में ही आप पार्षद विकास गोयल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। इस पर बीजेपी पार्षद सुरेंद्र खरब ने थप्पड़ चला दिया। हालांकि थप्पड़ उन्हें लगा नहीं। इसके बाद वे लगातार थप्पड़ और घूसे चलाते रहे। मामला बेकाबू होते देख मेयर ने सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद आप पार्षद सदन में ही धरने पर बैठ गए। दोबारा मीटिंग शुरू हुई तो वह बाहर निकल गए। इस हंगामे के बीच सदन में अजेंडा पास कर सदन को स्थगित कर दिया गया।

मामले में मेयर आदेश गुप्ता का कहना है कि सदन में सोमवार को जो कुछ हुआ, वह निंदनीय है। इस पूरे मामले की जांच विडियो फुटेज के आधार पर कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

‘बचाव में हाथ को आगे किया था’

आप पार्षद विकास गोयल का कहना है कि यह बीजेपी पार्षदों का शगल बन गया है कि विरोधी पार्टियों को इस अंदाज में दबाया जाए। जब भी उनके खिलाफ कोई आवाज उठाता है, तो उसकी आवाज को इसी तरह से दबाते हैं। जब उन्होंने आवाज उठाई तो उन्हें सदन में घूसे मारे गए। इसके खिलाफ उन्होंने पीसीआर कॉल की है। आप पार्षदों ने बीजेपी पार्षद सुरेंद्र खरब को सस्पेंड करने की मांग की।

बीजेपी पार्षद सुरेंद्र खरब का कहना है कि उन्होंने किसी पर हाथ नहीं उठाया है, बल्कि बचाव में उन्होंने हाथ को आगे किया गया था। इसे ही आप के पार्षद कह रहे हैं कि मैंने थप्पड़ मारा है।