पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का निधन

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार को निधन हो गया। वह 89 साल के थे। अपने राजनीतिक जीवन में 10 बार सांसद रहे चटर्जी को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिनों से उन्हें वेटिंलेटर पर रखा गया था। पिछले महीने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को मस्तिष्काघात भी हुआ था।

एक दिन पहले एक डॉक्टर ने बताया था कि गुर्दे संबंधी समस्या से जूझ रहे चटर्जी को हाल में गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका डायलिसिस चल रहा था। ऐसे मामलों में कई बार दिल काम करना बंद कर देता है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमनाथ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘उन्होंने हमारे संसदीय लोकतंत्र को और मजबूत किया। वह गरीबों और वंचित लोगों की एक मजबूत आवाज थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।’ राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सभी सांसद पार्टी लाइन से हटकर उनकी प्रशंसा करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं।’

1968 में शुरू हुआ राजनीतिक करियर, 10 बार बने सांसद

बता दें कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मशहूर वकील निर्मल चंद्र चटर्जी के बेटे हैं। निर्मल चंद्र अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष भी थे। सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में की और 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे। 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए और इसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। चटर्जी 10 बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए। वह 2004 से 2009 तक लोकसभा के स्पीकर रहे।

जब सीपीएम ने पार्टी से निकाला

वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।

ममता बनर्जी से हार गए चुनाव

राजनीतिक करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करनेवाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हार गए थे। 1984 में जादवपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तब सीपीएम के इस कद्दावर नेता को हराया था।