सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने दिया इस्तीफा

सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने पद से हटाए जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए नई जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने शुक्रवार को नौकरी से इस्तीफा भी दे दिया। वर्मा ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों के आधार पर फर्जी फंसाया गया।

बचाव का मौका नहीं दिया: कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चन्द्रमौलि को भेजे पत्र में आलोक वर्मा ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को किनारे रखते हुए प्राकृतिक न्याय की अवहेलना की गई। उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका नहीं दिया गया। पूरी सीवीसी रिपोर्ट उस शिकायतकर्ता के आरोपों पर आधारित है जिसके खिलाफ इस समय सीबीआई की जांच चल रही है।

शिकायतकर्ता सामने नहीं आया : वर्मा ने कहा कि सीवीसी ने शिकायतकर्ता के हस्ताक्षरित बयान को ही एक तरह से आगे बढ़ा दिया। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता कभी मामले की निगरानी कर रहे जस्टिस ए के पटनायक के सामने नहीं आया और जस्टिस ए के पटनायक ने भी कहा कि रिपोर्ट उनकी नहीं है।

इस्तीफे में उम्र का हवाला: हालांकि इस्तीफे में वर्मा ने उम्र का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि वे 31 जुलाई 2017 को ही सेवानिवृत्त हो चुके थे और सीबीआई निदेशक के तय कार्यकाल के लिए नियुक्त किए गए थे। ताजा नियुक्ति के लिए तय उम्र सीमा पार करने का उल्लेख करते हुए वर्मा ने कहा कि उनको तुरंत सेवानिवृत्त माना जाए।

फैसले के दूरगामी असर पर चेताया

पूर्व सीबीआई निदेशक ने कहा कि गुरुवार को हुआ फैसला हमारे काम पर ही असर नहीं डालेगा बल्कि इसका गवाह भी बनेगा कि किस तरह सीबीआई के साथ एक संस्थान के रूप में कोई भी सरकार सीवीसी के जरिए कैसा बर्ताव करेगी।

अस्थाना को कोर्ट से बड़ा झटका

दिल्ली हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपों से घिरे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अस्थाना एवं अन्य के खिलाफ जांच दस हफ्ते में पूरी की जाए।

अंतरिम निदेशक ने वर्मा के सारे फैसले पलटे

अंतरिम सीबीआई निदेशक एम. नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा द्वारा किए गए तबादले शुक्रवार को रद्द कर दिए। राव ने आदेश जारी कर कहा कि पूर्व निदेशक द्वारा दिए गए आदेश ‘अस्तित्व’ में नहीं हैं। परिणामस्वरूप सभी कदमों को अमान्य घोषित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, 8 जनवरी 2019 की स्थिति बहाल की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया था। इसके बाद वर्मा ने नागेश्वर राव द्वारा किए गए सभी तबादले रद्द कर दिए थे।