10 से 15 मार्च तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान ,17 करोड़ बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो ड्रॉप

बच्चों में शारीरिक विकलांगता की बहुत बड़ी वजह रही पोलियो की बीमारी को उनसे दूर रखने के लिए हर साल पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है। इस साल इस अभियान की शुरुआत आज से यानी रविवार 10 मार्च से की गई है। यह अभियान 15 मार्च तक चलेगा। इसके तहत 17 करोड़ से ज्यादा बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इस अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की पूर्व संध्या पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर की।

सरकार के नियमित टीकाकरण अभियान के तहत इनएक्टिवेटेड पोलियो टीका शामिल किया गया है। भारत में 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल और गुजरात में आखिरी पोलियो का मामला सामने आया था। इसके बाद 27 मार्च 2014 को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।

पोलियो टीकाकरण अभियान का मकसद साल में 2 राष्ट्रव्यापी पोलियो वैक्सिनेशन कैंपन और 2 या 3 क्षेत्रीय पोलियो वैक्सिनेशन कैंपेन चलाकर बच्चों को विकलांग बनाने वाली इस बीमारी से बचाना है।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पर बच्चों को 5 खतरनाक बीमारियों न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट, रोटावायरस और मीजल्स रुबेला से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाएगा।

सरकार के टीकारण अभियान मिशन इंद्रधनुष के तहत 3.39 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है।

इसके प्रभाव से 2017 में शिशु मृत्युदर प्रति हजार पर 32 रह गई है, जबकि 2014 में यह प्रति हजार 39 थी।