Bengal में ममता की बड़ी घोषणा : दुर्गा पूजा से पहले बंगाल में 32 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति

कोलकाता (hdnlive) पश्चिम बंगाल के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए ममता बनर्जी ने सोमवार (21 जून) को बड़ी घोषणा की. बंगाल की मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के कम से कम 32 हजार युवक-युवतियां प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगी. इतने लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी. वह भी शिक्षा विभाग में.

जी हां. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य में 32 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. दुर्गा पूजा से पहले 24,500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे दिया जायेगा, जबकि शेष 7,500 को मार्च, 2022 तक नौकरी से संबंधित पत्र मिल जायेगा. जिन लोगों ने टीईटी और एसटीईटी की परीक्षा पास की है, उन्हें नौकरी मिलेगी. किसी की पैरवी की जरूरत नहीं होगी.

सचिवालय के पास बने नबान्न सभागार में ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इस वर्ष दुर्गा पूजा से 14,000 अपर प्राइमरी टीचरों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. इसके बाद मार्च, 2022 तक 7,500 प्राइमरी टीचर्स की बंगाल में नियुक्ति की जायेगी.

32 हजार लोगों को मिलेगी सरकारी नौकरी

ममता बनर्जी ने कहा कि कुल मिलाकर 32 हजार योग्य शिक्षक-शिक्षकाओं को रोजगार दिया जायेगा. ममता बनर्जी ने कहा कि इसके लिए किसी को किसी की पैरवी की जरूरत नहीं होगी. जो योग्य उम्मीदवार होंगे, उन्हें नौकरी अवश्य मिलेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि कोर्ट में मामला लंबित होने की वजह से सरकार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रही थी.ममता बनर्जी ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति की कानूनी अड़चनें दूर हो गयीं हैं. इसलिए उनकी सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. ममता बनर्जी ने कहा कि मार्च 2022 तक शिक्षक-शिक्षिका बनने की योग्यता रखने वालों को सरकार नियुक्ति पत्र सौंप देगी.

मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी नियुक्तियां

ममता बनर्जी ने कहा कि नियुक्तियां मेरिट लिस्ट के आधार पर की जायेंगी और किसी लॉबिंग की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे नौकरी के लिए पात्र हैं. अदालती मामलों के कारण नियुक्तियां अटकी हुई थी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने फरवरी में प्राथमिक शिक्षकों के लिए भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था.

यह आदेश नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं के बाद पारित किया गया था, जिन्होंने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी मेरिट सूची में उनका नाम नहीं आने के बाद विसंगतियों का आरोप लगाया था. हाइकोर्ट ने बाद में पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीसीएसएससी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि योग्य उम्मीदवारों को नहीं छोड़ा जाये और भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाये.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुरू में आयोग को 10 मई तक साक्षात्कार सूची प्रकाशित करने के लिए कहा था. बाद में न्यायालय को कोरोना महामारी को देखते हुए उन्हें कुछ और समय दिया था. उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अगस्त 2015 में आयोजित की गयी थी और परिणाम सितंबर 2016 में घोषित किये गये थे.

5 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा, अगस्त 2019 में आया था रिजल्ट

साक्षात्कार के परिणाम अगस्त 2019 में जारी किये गये थे. इन परीक्षाओं में लगभग पांच लाख अभ्यर्थी बैठे थे. पिछले साल दिसंबर में बनर्जी ने घोषणा की थी कि प्राथमिक स्तर पर 16,500 शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.