Delhi police association प्रधान छिद्दा सिंह रावत : छुट्टी नहीं मिलने और अत्यधिक कार्यभार से पुलिस वालों में मानसिक तनाव व्याप्त हो रहा है


नई दिल्ली (hdnlive)। समय पर छुट्टी और अत्यधिक कार्यभार के कारण पुलिस वालों में मानसिक तनाव व्याप्त हो जाता है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ अदालत में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया गया है पर इस ओर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। यही नहीं देश में समान काम करने के बाद भी दिल्ली पुलिस वालों को कई राज्यों से कम वेतन और सुविधाएँ मिल रही है। दिल्ली पुलिस सेवानिवृत्त अराजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के द्वारा गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय विधि संस्थान, सुप्रीम कोर्ट के सामने हुई एक कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसफ के अधिकारियों के साथ हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पंजाब के पुलिस वालों ने यह बात कही। इस मौके पर दिल्ली पुलिस के एक दिन पहले ही रिटायर सब इंसपेक्टरभागीरथ डाबरा को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। एसोसिएसन के अध्यक्ष छिद्दा सिंह रावत ने उन्हें पगड़ी पहनाई।


कार्यक्रम में सीआरपीएफ के रिटायर अतिरिक्त महानिदेशक रहे हरिराम सिंह, बीएसएफ के रिटायर डीआईजी वाजिद अली, आल इंडिया पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलावर सिंह, दिल्ली पुलिस महासंघ के अध्यक्ष वेदभूषण, रणवीर सिंह, यशपाल शर्मा, आरके देव तोमर, जवाहर सिंह सहित अन्य कई पुलिस अधिकारी शामिल थे।

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पुलिस कर्मियों की मूलभूत समस्याऐं की तरफ़ सरकार का ध्यान खीचते
पुलिस कर्मियों की मूलभूत समस्याऐं की तरफ़ सरकार का ध्यान खीचते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष छिददा सिंह रावत ने कहा कि हमने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन दिया है। इसमें दिल्ली पुलिस कमिर्यों के जीवन में सुधार हेतु कई विंदू शामिल है। दिल्ली पुलिस का वेतन पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से भी कम है। काम का बोझ अधिक रहता है और उन्हें छुट्टियां की समस्या साल भर बनी रहती है। अध्यधिक कार्यभार से वे तनाव में आत्महत्या जैसी कदमें उठाने को मजबूर होते हैं।

सरकार को भी हमारी ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है

इसके साथ रिस्क एलाउंस, पेंशन, मेडिकल सुविधा और बच्चे के समस्या रिटायर के बाद भी बनी रहती है। इसलिए केेंद्र सरकार को 15 अगस्त तक का समय दिया गया है। उसके बाद हम बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अतिरिक्त महानिदेशक रहे हरिराम सिंह और बीएसएफ के रिटायर डीआईजी वाजिद अली, ने कहा कि हम सरकार को दशकों से चली आ रही समस्या की तरफ ध्यान दिलाना चाहते हैं। वक्ताओं ने कहा कि हमें जिम्मेवार तो बनना चाहिए लेकिन सरकार को भी हमारी ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। मसलन देश की राजधानी और देश की सर्वश्रेष्ठ पेशेवर पुलिस बल होने के बावजूद कर्मचारी अनेक विभागीय परेशानियों व वेतन विसंगती का दंश झेल रहे हैं। प्रशासन को इन समस्याओं को हल करने में कोई रूचि नही है। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद सभी राज्यों की पुलिस और अर्द्दसैनिक बलों को आपस में तालमेल और सामंजस्य बनाकर अपने हक के लिए लड़ने की जरूरत है।

जिले स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कोशिस करेंगे
भागीरथ डाबरा ने कहा कि निजीकरण के बाद देश में जिस तरह से सब कुछ बदल रहा है वैसे मे पुलिस वालों को भी अपनी जीवनशैली और काम के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम पुलिस के रिटायर और जो कार्यरत हैं उनके साथ मिलकर जिले स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कोशिस करेंगे।