DLDAV Shalimar Bagh School : बच्चों को बेइज्जती की जा रही है अभिभावकों का आरोप

HDN Live: DLDAV Shalimar Bagh School | दिल्ली के डीएलडीएवी शालीमार बाग स्कूल के अभिभावकों का गुस्सा उनके बच्चों को बेइज्जत करने के आरोपों से भरा हुआ है। अभिभावकों ने दावा किया है कि स्कूल में उनके बच्चों को बेइज्जती की जा रही है और उन्हें अगली क्लास में नहीं भेजा जा रहा है, भले ही उनके पास उत्तीर्ण होने के बाद भी। जब अभिभावक स्कूल के निदेशक से मिलने गए तो उन्हें अपने आरोपों का खंडन कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन से स्कूल से निकाल दिया।

अभिभावकों ने बताया कि स्कूल ने उन्हें बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया है, जिनकी फीस भुगतान नहीं की गई है। उन्होंने अपने बच्चों को रिपोर्ट कार्ड नहीं दिए जाने के बारे में भी जानकारी दी है, और उन्हें सिर्फ मार्क्स बताए जा रहे हैं। साथ ही, बच्चों को स्कूल जाने पर क्लास में खड़ा करके बेइज्जती की जा रही है। इसके चलते सभी बच्चों का मानसिक संतुलन खराब हो गया है।3 अप्रैल को वह अपने बच्चों के साथ डीएलडीएवी मॉडल स्कूल शालीमार बाग में शिक्षा निदेशालय दिल्ली में अपनी समस्या को रखने गए थे।

अभिभावकों के आरोप के अनुसार, उन्होंने सीधे शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे मिलने से मना कर दिए। अभिभावकों ने कहा कि कुछ देर बाद डायरेक्टर ने दो बच्चों को अपने पास बुलाकर कहा कि “तुम्हारे माता-पिता अपने निजी हितों के लिए तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं, तुम्हें अपने माता-पिता की बात नहीं सुननी चाहिए।” अभिभावकों के मुताबिक, जब बच्चों ने इस बात को सुना, तो उन्हें बहुत नाराजगी हुई और उन्होंने डायरेक्टर के खिलाफ आवाज उठाई।

अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उन्हें मिलने से इनकार करने के बाद डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता ने अपना मन बना लिया। फिर भी, सभी अभिभावक वहीं थमे रहे और उनसे मिलने की मांग करते रहे। अपनी सीट पर बैठे हुए डायरेक्टर ने दो दिनों बाद अभिभावकों से मिलने का समय दिया। यहां तक ​​कि इस मुद्दे में स्कूल और डायरेक्टर के पक्ष को भी न्याय नहीं मिला।

डायनामिक यूनाइटेड पेरेंट्स एसोसिएशन (DUPA) के प्रधान सुमित जैन, उप-प्रधान यतेंद्र त्यागी और सचिव विकास गुप्ता ने बार-बार निवेदन किया कि स्कूल को बच्चों को स्कूल में बैठने देने के निर्देश दिए जाएं, लेकिन भी उन्हें कोई निर्देश नहीं दिए गए। एसोसिएशन ने दावा किया कि प्रदर्शन के बाद भारी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाई गई और बच्चों और उनके अभिभावकों को जबरदस्ती वहां से बाहर निकाल दिया गया। एसोसिएशन ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा पूरी तरह से व्यापार बन गई है या अभी भी कुछ अच्छा बचा है।