बेली फैट से हैं परेशान तो रोजाना ऐसे करें दालचीनी का सेवन

(hdnlive) आज हर दूसरा व्यक्ति पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी से परेशान है। मोटापा न सिर्फ व्यक्ति की पर्सनालिटी खराब करता है बल्कि उसके आत्मविश्वास को भी कम कर देता है। यूं तो मोटापा और बेली फैट कम करने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज से लेकर डाइट प्लान मौजूद हैं। लेकिन इनमें से कौन सा तरीका व्यक्ति के लिए फायदेमंद होगा, यह कहना मुश्किल है। वजन घटाने के लिए आमतौर पर घरेलू उपायों को ही बेहतर माना जाता है। ऐसे ही एक घरेलू उपाय में दालचीनी का नाम भी शामिल है। दालचीनी न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने में मदद करती है बल्कि इसका नियमित सेवन व्यक्ति को वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे दालचीनी का सेवन करके आप पा सकते हैं अपने बेली फैट से छुटकारा।

बेली फैट से छुटकारा पाने के लिए ऐसे करें दालचीनी का सेवन-

वजन घटाने और बेली फैट से छुटकारा पाने के लिए आप पानी में नींबू, शहद और दालचीनी डालकर उसकी चाय बनाकर पीएं। यह चाय इंफेक्शन सहित सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।

दालचीनी का सेवन करने के फायदे-

– बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले जोड़ो के दर्द से राहत पाने के लिए आप गुनगुने पानी में शहद और दालचीनी पाउडर डालकर उसका पेस्ट बनाकर जोड़ों पर लगाएं। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको आराम मिलेगा।

– मधुमेह रोगी अगर दालचीनी को आहार में शामिल करें, तो मधुमेह को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे रोगी एक से दो चुटकी दालचीनी पाउडर का सेवन रोजाना करें।

– अगर आप दिनभर खुद को थका हुआ महसूस करते हैं तो सुबह-शाम दूध के साथ दो ग्राम दालचीनी पाउडर का सेवन करें। ऐसा करने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

– दालचीनी डायबिटीज के साथ ही हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकती है। एनसीबीआई के एक शोध में कहा गया है कि एक, तीन और छह ग्राम दालचीनी का सेवन करने वालों में एलडीएल, सीरम ग्लूकोज, ट्राइग्लिसराइड (रक्त में मौजूद एक तरह का फैट) और टोटल कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करके हृदय संबंधी रोगों से बचने में मदद मिल सकती है।

– दालचीनी खाने के फायदे में पाचन और पेट स्वास्थ्य भी शामिल है। प्राचीन काल से ही दालचीनी का इस्तेमाल पाचन संबंधी परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र व पेट में संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं।