MCD Election 2022 : भाजपा पार्षदों का दावा निगम एक करने से हो जाएगा समस्याओं का समाधान

नई दिल्ली (hdnlive) : अप्रैल में संभावित तीनों नगर निगम (MCD Election2022) (उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी) के चुनावों से पूर्व भाजपा के ही पार्षद (BJP councilor) एकीकरण के पक्ष में खुले तौर पर सामने आने लगे हैं। उत्तरी निगम की स्थायी समिति में भाजपा पार्षदों ने सार्वजनिक तौर पर निगम एकीकरण की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि तीनों निगमों को एक करने से निगम की खराब आर्थिक स्थिति वाली समस्या का समाधान हो जाएगा। वर्ष 2012 से दिल्ली नगर निगम के बाद तीन निगम बनाए जाने से निगमों के खर्चों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो कि एक करने से कम हो जाएंगे।

कांग्रेस ने जो प्रयोग किया था वह विफल साबित हुआ है

दरअसल, स्थायी समिति की बैठक शुरू हुई तो चेयरमैन जोगीराम जैन ने बैठक की शुरुआत में कहा कि शायद इस पंचवर्षीय कार्यकाल की यह आखिरी बैठक हो। जब शायद शब्द का उपयोग चेयरमैन ने किया तो बैठक में मनोनीत भाजपा पार्षद विजेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में विभाजित करके कांग्रेस ने जो प्रयोग किया था वह विफल साबित हुआ है। इससे तीनों निगम की स्थिति खराब होने की वजह यहां पर पहले से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नियुक्ति हैं।

चुनाव को छह माह के लिए टालकर तीनों नगर निगमों को फिर से दिल्ली नगर निगम किया जाए

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के आफिस और उनके स्टाफ पर काफी खर्चा होता है जबकि एक होने से यह ठीक हो जाएगा। यादव ने कहा कि अप्रैल में संभावित चुनाव को छह माह के लिए टालकर तीनों नगर निगमों को फिर से दिल्ली नगर निगम किया जाए। जिससे निगम में कर्मचारियों के वेतन संंबंधी समस्याओ का समाधान भी हो जाएगा। विजेंद्र यादव की बातों का समर्थन भाजपा की पार्षद अंजू जैन ने किया।

भाजपा अब तक इसे फायदे का सौदा मानती थी

उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेता व पार्षद तीनों निगमों को एक करने के पक्ष में कभी सार्वजनिक तौर पर बातें नहीं करते थे। भाजपा अब तक इसे फायदे का सौदा मानती थी। क्योंकि सत्ता में होने के बाद वह ज्यादा नेताओं को अगली पंक्ति के नेतृत्व के तौर पर विकसित कर पाती थी। इससे पहले भाजपा ने निगम के ही नेता विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय और आदेश गुप्ता को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तक जिम्मेदारी दी है। हालांकि, निगम की बिगड़ी आर्थिक स्थिति के बाद अब भाजपा के ज्यादातर पार्षद दबी जुबान में एक करने की पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि, सर्वाधिक राजस्व दक्षिणी निगम का है फिर उत्तरी और सबसे आखिर में पूर्वी निगम का है। जब तीनों निगम के राजस्व को एक कर दिया जाए तो वेतन संबंधी समस्या का समाधान संभव हैं।

कर्मचारी यूनियन भी कर रही है समर्थन

तीनों निगमों को एक करने के पक्ष में लगाातार कर्मचारी यूनियन केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख रही है। कन्फेडेरेशन आफ एमसीडी एप्लाइज यूनियंस ने पदाधिकारी निगम की खराब स्थिति का हवाला देकर तीनों निगम को एक करने की मांग कर रहे हैं।