PMC बैंक scam : ‘डमी अकाउंट्स’ के जरिए छिपाया था फंसा लोन

जॉय थॉमस ने एक लेटर में लिखा है कि बैंक ने बढ़े हुए लोन्स को छिपाने के लिए डमी अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक को लिखे पत्र में थॉमस ने लिखा, ‘आरबीआई के निरीक्षण के दौरान हर साल हम गहरे तनाव में होते थे क्योंकि हमने उससे जानकारी छिपाई हुई थी।’ 21 सितंबर को लिखे गए पत्र में थॉमस ने कहा कि उन्होंने भी बैंक के बोर्ड और ऑडिटर्स से सच्चाई छिपाई थी। बता दें कि बैंक ने पिछले ही सप्ताह थॉमस समेत बैंक के पूर्व मैनेजमेंट को पद से हटा दिया था।

थॉमस ने पत्र में यह भी स्वीकार किया कि बैंक का कुल एनपीए 60 से 70 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक अभी बैंक के बैलेंस शीट की जांच कर रही है। यदि एनपीए थॉमस की स्वीकारोक्ति के अनुसार रही तो यह बैंकिंग क्षेत्र में अब तक का सर्वोच्च स्तर होगा। थॉमस ने माना कि HDIL समूह को दिया गया ऋण 19 सितंबर 2019 को 6,500 करोड़ रुपये से अधिक था, जो 19 सितंबर 2019 तक बैंक के 8,880 करोड़ रुपये के कुल ऋण का 73 प्रतिशत है।

 देश के 97,000 को-ऑपरेटिव बैंकों में से पीएमसी भी एक है, जिनके पास 130 अरब डॉलर की पूंजी जमा है। बता दें कि तमाम बैंकों में से सिर्फ 54 बड़े बैंकों की ही केंद्रीय बैंक निगरानी करता है। निवेशकों एक अलग तरह का खतरा महसूस कर रहे हैं। इसकी वजह देश में बैड लोन का अनुपात 9.3 प्रतिशत के करीब होना है। यह दुनिया में सबसे अधिक है।

थॉमस ने बताया है कि उन्होंने आरबीआई को 2008 से रिपोर्टिंग बंद कर दी थी क्योंकि उन्हें रेपुटेशन को लेकर चिंता थी। उन्होंने बताया कि 2011 में बैंक का एचडीआईएल पर बकाया 1,020 करोड़ रुपये था, जो कि बैंक की ओर से जारी किए गए 2,000 करोड़ रुपये के कुल कर्ज के आधे से भी अधिक था। गौरतलब है कि आरबीआई के मुताबिक कुल जारी होने वाले कर्जों में से 20 फीसदी से ज्यादा लोन किसी एक कंपनी को नहीं दिया जा सकता।