Delhi Medical Association के अध्यक्ष ने बताया डेंगू-मलेरिया से छुटकारे का तरीका

नई दिल्‍ली। दिल्ली-एनसीआर (Delhi Ncr) में वैसे तो हर साल बरसात के बाद डेंगू, मलेरिया (dengue-malaria)और चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ जाता है, लेकिन इस बार चूंकि हम सभी कोरोना जैसी महामारी से पहले ही जूझ रहे हैं ऐसे में और बीमारियों का खतरा बढ़ने का डर बढ़ गया है। बरसात के मौसम में जगह-जगह जलजमाव होता है, जिसे मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माना जाता है। पिछले साल तक बरसात होने के साथ ही नगर निगम की तरफ से नालियों और जहां भी जलजमाव होता था, वहां पर दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया जाता था। इसके साथ फागिंग भी शुरू हो जाती थी।

इस वजह से बीमारियों पर थोड़ा अंकुश रहता था। लेकिन इस साल परिस्थितियां बदली हुई हैं। कोरोना की वजह से दिल्ली-एनसीआर का स्वास्थ्य ढ़ांचा अन्य बीमारियों को लेकर कह सकते हैं कि ध्वस्त हो चुका है। दरअसल इस बार स्वास्थ्य विभाग का पहला उद्देश्य कोरोना का प्रकोप कम करना है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी संक्रमण की रोकथाम के लिए सैनिटाइजेशन और अन्य कार्यो में जुटे हुए हैं। इसी बीच अब डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले भी सामने आने लगे हैं।

अब स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना के साथ मच्छरजनित बीमारियों से भी लड़ने की चुनौती है। पहले से ही दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए अस्पतालों में जगह कम पड़ रही है। अब डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बढ़े तो इन मरीजों को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने में दिक्कतें आ सकती हैं। इस समय सरकार और नगर निगम का पूरा ध्यान मच्छरों का प्रजनन रोकने पर होना चाहिए। कोरोना से लड़ते हुए अगर ऐसा कर पाए तभी बात बन सकती है। फिलहाल जब तक पंखे और कूलर चल रहे हैं तब तक तो मच्छरों का घरों में प्रवेश कुछ हद तक कम है, लेकिन जैसे ही मौसम में ठंडापन आएगा, मच्छर घरों में भी घुसेंगे और तब बीमारी का खतरा और बढ़ जाएगा। ऐसी नौबत न आए इसके लिए नगर निगम और संबंधित विभागों को अभी से कड़ी मेहनत शुरू करनी होगी। कोरोना संक्रमण की वजह से रिहायशी इलाकों में फागिंग नहीं हो रही थी।

दरअसल फागिंग से कोरोना संक्रमित मरीजों को दिक्कत होने की संभावना जताई जा रही है, इस वजह से इस पर रोक लगाई गई थी, लेकिन मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अब कोई और उपाय नहीं बचा है, इसलिए इस पर हाल ही में रोक हटा दी गई है। रोक हटने के बाद कुछ जगहों पर फागिंग शुरू कर दी गई है। साथ ही दवाओं का छिड़काव भी तेज किया गया है। अब इन विभागों के पास चुनौती है कि लोगों को कैसे अधिक से अधिक जागरूक करें। लोगों को समझाना होगा कि वे अपने घर के आसपास या छत पर कहीं भी पानी जमा न होने दें। लोग जागरूक हो जाएंगे तो राह कुछ आसान हो सकती है।