चोरी के शक में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या

नई दिल्ली (hdnlive)। आजादपुर सब्जी मंडी में व्यवसायियों ने चोरी के शक में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना मंगलवार सुबह की है। पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छिपाने की धारा में मुकदमा दर्ज कर आरोपी राकेश और सुनील को गिरफ्तार किया है। राकेश दुकान मालिक है जबकि सुनील कर्मचारी है। पुलिस के अनुसार, इस वारदात में दस से अधिक लोग शामिल थे जिनकी तलाश के लिए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जा रही है।

जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार तड़के करीब चार बजे दो दुकानों में लोकेश और वेद प्रकाश नाम के दो युवक घुसे थे। इस दौरान दोनों दुकानों में मौजूद लोग जग गए और उन्होंने युवकों के हाथ बांधकर उनकी लाठी-डंडों से पिटाई करनी शुरू कर दी। बताया जाता है कि दुकानदारों की पिटाई से लोकेश और वेद प्रकाश गंभीर रूप से घायल हो गए। लोकेश पिटाई मौके पर ही गिरकर बेहोश हो गया। लोकेश को मरा हुआ जानकर आरोपियों ने उसे बोरे में डालकर मंडी में ही फेंक दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने देखा तो लोकेश के परिजनों से संपर्क किया, लेकिन तबतक उसकी मौत हो चुकी थी।

वहीं, वेद प्रकाश खुद को बचाने के लिए किसी तरह भीड़ के बीच से निकलकर भागा। लेकिन, कुछ दूर जाकर वह भी गिर पड़ा। इसी बीच वेद प्रकाश की मौसी रज्जो सब्जी लेने के लिए मंडी जा रही थी। रास्ते में रज्जो ने भतीजे को बेसुध देखा तो उसके पास गई। वेद प्रकाश हाथ में बंधी रस्सी काटने की बात कहकर उनकी गोद में बेहोश हो गया। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। फिर, वेद प्रकाश को बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोकेश और वेद प्रकाश की अभी तक कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं मिली है। भडोला गांव निवासी 24 साल का लोकेश ढोल बजाने और मंडी में मजदूरी का काम करता था। वहीं वेद प्रकाश जहांगीरपुरी एच ब्लॉक में रहता था और मंडी में माल ढुलाई आदि का काम करता था।

वेद प्रकाश के पिता माता-पिता की दस साल पहले ही मौत हो चुकी थी। अब वह अपनी मौसी रज्जो के साथ जहांगीरपुरी एच ब्लॉक में रहता था। रज्जो ने बताया कि वेद उसकी दीदी-जीजा की आखिरी निशानी था। वह उसका घर बसाने के लिए लड़की देख रही थी। वह रोज सुबह मंडी में काम करने के लिए जाता था। उन्होंने वेद प्रकाश के चोरी या किसी वारदात में लिप्त होने से इंकार किया।

लोकेश अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। उसकी मां की कुछ समय पहले मौत हो चुकी थी। घर में पत्नी शिवानी, डेढ़ साल का बेटा अनुराग और पिता संजय कुमार हैं। परिवार की बेहतरी के लिए लोकेश ढोल बजाने के साथ ही मंडी में भी काम करता था। उसकी मौत के बाद पूरे परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। पत्नी और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं बेटा अपने पिता को ढूंढ़ रहा है।