नस्लीय भेदभाव, काला रंग देखकर यात्रियों को दिल्ली भेजा

रूसी एयरलाइंस ‘एयरोफ्लॉट’ में नस्लीय भेदभाव का मामला सामने आया है. शिकायत के मुताबिक, पांच एशियाई-अमेरिकी यात्रियों को न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट से महज इसलिए उतार दिया गया, क्योंकि उनके शरीर का रंग काला था. रूसी एयरलाइंस ने इन पांचों यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से नई दिल्ली वापस भेज दिया.

ब्रिटेन के मशहूर अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ की खबर के मुताबिक, एयरोफ्लॉट की फ्लाइट से निकाले गए सभी यात्री दक्षिण एशियाई मूल के हैं. एयरोफ्लॉट स्टाफ ने इन यात्रियों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने दूसरे प्लेन पर बैठने से इनकार किया, तो उन्हें भारत ‘डिपोर्ट’ कर दिया जाएगा.

रूसी एयरलाइंस ने तब सीट उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर इन यात्रियों को दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट करवा दिया था. रूसी एयरलाइंस का यह भी कहना था कि इन यात्रियों के पास ट्रांजिट वीजा नहीं थे. ऐसे में रूसी कानून के तहत वे 24 घंटे से ज्यादा न तो शेरेमेटेवो एयरपोर्ट पर रुक सकते थे और न ही रूस में रह सकते थे. ऐसे में उन्हें दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट किया गया.

यात्रियों ने एयरलाइंस की बातों को खारिज किया है. यात्रियों के मुताबिक, उन्होंने मॉस्को में यूएस एंबेसी को फोन किया था और बताया था कि अमेरिकी नागरिकों को बिना उनकी मर्जी के किसी तीसरे देश में डिपोर्ट करना गैरकानूनी है.

दिल्ली पहुंचने के बाद यात्रियों को पता चला कि अगले 4 हफ्ते तक एयरोफ्लॉट की कोई भी फ्लाइट न्यूयॉर्क के लिए उड़ान नहीं भरेगी. चार यात्रियों की शिकायत है कि एयरोफ्लॉट के कारण उन्हें कई ज्यादा मंहगी टिकट पर वॉशिंगटन डीसी के लिए फ्लाइट लेनी पड़ी. वहीं, पांचवें यात्री को 6 दिन बाद मियामी की फ्लाइट मिल पाई.