सज्जन कुमार लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए तैयार

1984 के सिख विरोधी दंगे भड़काने के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेसनेता सज्जन कुमार ने सोमवार को अदालत में लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी। अदालत ने सीएफएसएल डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि वह 30 मई को कुमार का यह टेस्ट कराने की व्यवस्था करें।

मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट संतोष कुमार सिंह ने सज्जन कुमार की सहमति को दर्ज करते हुए यह आदेश सुनाया। कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले कुमार सोमवार को खुद कोर्ट के सामने पेश हुए। उन्होंने कहा कि वह अपनी मर्जी से टेस्ट के लिए मंजूरी दे रहे हैं। वह यही नहीं, हर उस टेस्ट को कराने के लिए तैयार हैं, जिससे सचाई सामने आ सके। वह भी अपने खर्च पर। सच-झूठ की जांच के लिए कराए जाने वाले इस टेस्ट के लिए कोर्ट ने कुमार का बयान दर्ज किया और फिर सीएफएसएल डायरेक्टर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड को निर्देश दिया कि वह 30 मई को टेस्ट कराएं।

इस आदेश के साथ अदालत ने जांच अधिकारी की उस अर्जी का निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने कोर्ट से यह निर्देश जारी करने की मांग की थी। 17 मार्च को दायर अर्जी में इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने कहा था कि 15 मार्च को उन्होंने शिकायतकर्ता और आरोपी कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया था। कुछ विशेष बिंदुओं को लेकर दोनों पक्षों का एक दूसरे से आमना-सामना कराया गया। जांच अधिकारी की अर्जी के मुताबिक, शिकायतकर्ता की ओर से प्रत्यक्ष रूप से कुमार पर कुछ आरोप लगाए गए, जिनका कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया और ज्यादातर सवालों के जवाब यह कहकर टाल दिए कि काफी समय बीत जाने की वजह से उन्हें याद नहीं। ऐसी परिस्थितियों में जांच पूरी करना बड़ा मुश्किल है।

यह मामला शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह ने जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमिशन ऑफ इंक्वायरी के सामने 9 सितंबर 1985 में दायर एफिडेविट के आधार पर दर्ज कराया था।