Covid 19 : Delhi में कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर किया यह बड़ा खुलासा

दिल्ली में कोरोना संक्रमण को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार में जंग छिड़ी हुई है. दिल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने यह माना है कि देश की राजधानी में कम्‍यूनिटी स्‍प्रेड जैसी उत्‍पन्‍न हो गई है. हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा है कि इस पर फैसला केंद्र सरकार ही लेगी. वहीं हेल्थ मिनिस्ट्री दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात को नकार रही है.

उसका आरोप है कि दिल्ली में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ठीक से नहीं हो रही है. दिल्ली के 11 ज़िलों में से कई की हालत बहुत खराब है. लेकिन हम हर मदद को तैयार है. मुम्बई (Mumbai) का धारावी इसका बड़ा उदाहरण हैं. कम्युनिटी ट्रांसमिशन उस स्थिति को कहा जाता है, जब संक्रमण के सोर्स के बारे में निश्चित तौर पर कुछ न कहा जा सके. दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के तकरीबन आधे मामले) ऐसे ही हैं.

दिल्ली सरकार पर उठाय यह सवाल

दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है. दिल्ली के कंट्रेमेंट ज़ोन में एक्टिव केस को और बेहतर ढंग से तलाश करने की जरूरत है. जब सोर्स की तलाश ठीक से नहीं होगी तो फिर कम्युनिटी ट्रांसमिशन कैसा. और जब तक ठीक तरह से सोर्स की तलाश नहीं की जाएगी तो कंटेंमेंट ज़ोन से केस निकलते ही रहेंगे. इसलिए जरूरी है कि घर-घर चलने वाले अभियान को और ठीक किया जाए.

दिल्ली के 11 ज़िलों में से कुछ बेहतर हालत में हैं. 11 में से 5 ज़िलों में पॉजिटिव केस रेट 20 फीसद से भी ज़्यादा है. नई दिल्ली और साउथ दिल्ली ज़िले बेहतर हालत में हैं. हम टेक्निकल के साथ-साथ हर तरह की मदद को तैयार हैं. धारावी को उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है. धारावी में पहले 60 से 80 नए केस रोज़ाना आ रहे थे और 10 से 12 मौत हो रहीं थी. लेकिन पिछले 5 दिनों से सिर्फ 10 से 17 आ रहे हैं और अब एक भी मौत नहीं है.

अगर कहीं पर बीमारी के स्त्रोत का पता नहीं लग सके तो माना जा सकता है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. हालांकि इसके बाद भी अधिकारी इसकी जांच के बाद तय करेंगे कि ये संचार का कौन सा चरण है. हर स्टेट में स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ वर्कर्स को जिम्मा दिया है कि वे संदिग्ध लोगों तक पहुंचे. अगर कॉस्टैक्ट ट्रेसिंग के बाद भी बीमारी के स्त्रोत का पता न लगे सके, तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर जाता मान सकते हैं.