कोरोना वैक्सीन के नए अपडेटस

भारत में कोरोना अभी अपने पीक पर नहीं पहुंचा है, इसके बावजूद यहां पर रोज करीब 10 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी से जल्‍द मुक्ति पाने के लिए वैक्‍सीन और दवा की खोज पर काम जारी है। साइंटिस्‍ट्स दिन-रात एक कर लगे हुए हैं कि कोई इलाज मिल जाए। इस हफ्ते, वैक्‍सीन और दवा को लेकर चार नए अपडेट्स आए हैं। आइए जानते हैं कि उनसे कितनी उम्‍मीद है।

भारतीय फर्म ने US कंपनी से मिलाया हाथ

नई दिल्‍ली की Panacea Biotech ने अमेरिका की एक अर्ली स्‍टेज लाइफ साइंसेज कंपनी Refana के साथ जॉइंट वेंचर शुरू किया है। दोनों कंपनियां मिलकर एक इनऐक्टिवेटेड वायरस बेस्‍ड वैक्‍सीन बनाएंगी। ट्रायल का पहला फेज सितंबर से शुरू होने की उम्‍मीद है। बताया जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले 18 महीनों में वैक्‍सीन मरीजों के लिए तैयार हो जाएगी।

J&J ने अडवांस किया अपना ट्रायल

दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी कोविड-19 वैक्‍सीन का ट्रायल सितंबर के बजाय जुलाई से शुरू करने का फैसला किया है। यह फैसला उसने वैक्‍सीन के प्री-क्लिनिकल डेटा की स्‍ट्रेन्‍थ को देखते हुए लिया है। कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्‍टॉफेल्‍स के अनुसार, कंपनी अपनी वैक्‍सीन 2021 तक बाजार में उतार सकती है।

भारत सीरम ने शुरू किया दवा का ट्रायल

मुंबई की भारत सीरम एंड वैक्‍सीन्‍स लिमिटेड (BSVL) अपने जेनेरिक ड्रग Ulinastatin का कोविड-19 पर ट्रायल शुरू करेगी। यह दवा सेप्सिस के लिए इस्‍तेमाल होती है। BSVL यह जांचेगी कि क्‍या इसे कोविड-19 मरीजों में एक्‍यूट रिस्‍परेटरी डिस्‍ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के इलाज में इस्‍तेमाल किया जा सकता है या नहीं। कंपनी को इस दवा की क्लिनिकल स्‍टडी के थर्ड फेज को शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। यह दवा हल्‍के से सामान्‍य लक्षण वाले मरीजों को दी जाएगी। ट्रायल सितंबर तक पूरा होने की संभावना है।

ऐंटीबॉडी ड्रग्‍स ने जगाई उम्‍मीद

न्‍यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज दवाओं की नई किस्‍म है। AstraZeneca, Eli Lilly और Regeneron जैसी कंपनियां ने इसपर काम शुरू किया है। AstraZeneca का कहना है कि उसने वैडरबिल्‍ड यूनिवर्सिटी से कोरोनावायरस न्‍यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज का लाइसेंस लिया है। कंपनी इन मोनोक्‍लोनल ऐंटीबॉडीज को पोटेंशियल कॉम्बिनेशन थिरैपी की तरह क्लिनिकल डेवलपमेंट में लाना चाहती है।