घर-घर सर्वे में बिहार के 8.20 करोड़ लोगों की हुई स्क्रीनिंग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर घर-घर सर्वे में राज्य के आठ करोड़ 20 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कोरोना संक्रमण को लेकर कर ली गई है। इनमें 3742 लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार जैसे सामान्य लक्षण मिले हैं। इनके सैंपल की जांच करायी जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य के बाहर से आने वाले 65 लोगों में अब-तक कोरोना पॉजिटिव के मामले मिले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत 27 प्रतिशत है। राज्य में सात जगहों पर कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है।

राशन कार्ड निर्गत कर खाद्यान की आवश्यकता का आकलन करें

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में मंगलवार को पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राशन कार्ड के लंबित, त्रुटिपूर्ण और अस्वीकृत आवेदन को फिर से जांच कराने के बाद जो सही पाए गए हैं, उनके खाते में जल्द एक हजार की सहायता राशि भेजें। इन सभी को राशन कार्ड निर्गत करने के बाद खाद्यान की आवश्यकताओं का आकलन करें।

मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर पदाधिकारियों को कहा कि परिवारों में बंटवारा होता रहता है, जिस कारण राशनकार्ड की संख्या में वृद्धि होगी। इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। जिन लोगों का नाम एक से ज्यादा राशन रार्ड में है, उनका एक स्थान से नाम हटाएं। जिन राशनकार्डधारियों के पॉश मशीन पर अंगूठे का निशान नहीं लग पा रहा हो, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें। शहरी क्षेत्रों में सर्वे कार्य की गहन मॉनिर्टंरग कराएं।

जन वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी सूरत में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोगों को पूरा लाभ मिले, यह सुनिश्चत करें। पर्यावरण के अनुरूप एवं मूलत: कृषि को देखते हुए ही पैक्सों के लिए खेती उपकरण की खरीद करें। फसल सहायता योजना का लाभ किसानों को शीघ्र उपलब्ध कराएं।