जयपुर में मजदूरी कर रहे 85 श्रमिक कंटेनर में छिपकर बिहार पहुंचे

जयपुर में मजदूरी कर रहे 85 श्रमिकों की फौज कंटेनर में छिप कर पटना पहुंच गई। पटना पहुंचते ही मजदूरों ने पैदल ही घर का रास्ता पकड़ लिया। पेट की आग बुझाने के लिए रास्ते भर बिस्किट खाकर और पानी पीकर पटना पहुंचे मजदूरों की कहानी भी काफी दर्द भरी है।

फरवरी में ही वह बिहार से जयपुर गए थे और काम भी नहीं लगा कि लॉक डाउन में फंस गए। हजारों रुपए पेट की आग बुझाने में कर्ज हो गए और कर्ज लेकर जयपुर से पटना का किराया चुकाया। मजदूरों को कौन क्वॉरंटाइन कराएगा और कैसे संक्रमण की जांच होगी, यह बड़ा सवाल है।

तीन दिन का सफर, हर किलोमीटर पर दर्द

मजदूर महेंद्र कुमार का कहना है कि वह 15 मार्च को सीवान से राजस्थान गया। इसके बाद लॉक डाउन हो गया। आठ से नौ हजार रुपए तो खाने में कर्ज हो गए। काम का कोई ठिाकना नहीं रहा। कर्ज बढ़ता गया तो उनके पास घर भागने के अलावा कोई चारा नहीं था। ऐसे में बिहार के लगभग 85 मजदूरों ने मिल कर कंटेनर की व्यवस्था की और रविवार को जयपुर से पटना के लिए निकल लिए। महेंद्र का कहना है कि रविवार की सुबह से वह खाना नहीं खाये हैं। काफी परेशानी सह कर वह किसी तरह से पटना पहुंचे हैं।

अब घर कैसे जाएं, समझ में नहीं आ रहा

पटना में कंटेनर से उतरने के बाद वह कैसे घर तक जाएं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। मजदूरों का कहना है कि बिहार सरकार से पैसा भी नहीं मिल सका है। छपरा के संदीप कुमार, राहुल कुमार, जगदीश, अजय कुमार और मृत्युंजय प्रसाद का कहना है कि बिस्किट और पानी पीकर पेट की आंत सिकुड़ गई है। कंटेनर में जब भी झटका लग रहा था, जान निकल जा रही थी। चालक कंटेनर के ऊपर प्लास्टिक डाल कर रखा था, जिससे वे पकड़ में नहीं आएं।

हॉट स्पॉट शहर से संक्रमण का खतरा

राजस्थान के कई शहर हॉट स्पॉट हैं। वहां से 85 मजदूरों का चोरी से पटना पहुंच जाना बड़ा मामला है। एक व्यक्ति से 17 सौ रुपए वसूले गये हंै। चोरी-छिपे पटना लाए गए मजदूरों को कैसे सरकार क्वारंटाइन कराएगी और कैसे संक्रमण का खतरा कम करेगी, यह बड़ा सवाल है। अगर एक भी मजदूर में संक्रमण होगा तो 85 लोग इससे प्रभावित हुए होंगे। अब वे 85 मजदूर जहां-जहां जाएंगे वहां संक्रमण को लेकर सुरक्षा का खतरा होगा।