रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ सकती है

प्रॉपर्टी के जानकारों की मानें तो आने वाले समय में रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ सकती है। डिवेलपमेंट फर्म डिलिवरी, रुके प्रॉजेक्ट को पूरा करने क उद्देश्य से आगे बढ़ेंगे और इस वजह से वर्ष 2021 सभी कैटिगरी जैसे कि सस्ते, मध्यम आय और लग्जरी आवास के मामले में होम बायर्स को रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी की सौगात देंगे।

सीमित लेवर फोर्स से काफी समस्याएं

वर्तमान में डिवेलपर्स को कंस्ट्रक्शन साइट्स पर सीमित लेवर फोर्स और दूसरी अन्य चुनौतियों से दो-चार होना पड़ रहा है। ऐसे में एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट की शोध पर भरोसा करें तो शीर्ष सात शहरों में 6.44 लाख से अधिक इकाइयों के कुल अनसोल्ड स्टॉक लगभग 12 फीसदी या लगभग इतने ही हैं। 78 हजार घर रेडी-टू-मूव हैं।

एनसीआर में 15,600 अनसोल्ड रेडी होम हैं

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीआर में लगभग 10,20 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 15,600 अनसोल्ड रेडी होम हैं। यह रिपोर्ट इस तरफ इशारा कर रही है कि आने वाले समय में रेडी-टू-मूव इन अपार्टमेंट की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।

ओवर सप्लाई रहेगी

ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इस सेगमेंट में ओवर सप्लाई रहेगी। इस पर बात करते हुए एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि यह सभी शहरों और माइक्रो मार्केट में देखने को मिले। लेकिन शीर्ष शहरों में और शहर की सीमा में कुछ इलाके हैं जहां ऐसी डिमांड देखने को मिल सकती है।

लॉकडाउन का रियल एस्टेट पर सीधा असर

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना लॉकडाउन का रियल एस्टेट पर सीधा असर देखने को मिल रहा है। हमारे रिसर्च के मुताबिक, 2020 में टॉप-7 शहरों में कम से कम 4.66 लाख इकाइयां पूरी होने वाली थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण इसमें कम से कम एक या दो तिमाही की देरी होगी।

होमबायर्स को सलाह

एक्सपर्ट इसे खरीदारों का बाजार कहते हैं। अब प्रॉपर्टी खरीदने का अच्छा समय है। उनका कहना है कि आने वाले महीने में आवास की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए बहुत सारे विकल्प होंगे, जहां वे अपने पसंद के अपार्टमेंट में जाने के लिए रेडी-टू-मूवइन प्रॉपर्टी के विकल्प के साथ जाने को तैयार होंगे।