सोनम वांगचुक: चीन पर ‘बुलेट और वॉलेट’ की दोहरी मार करनी होगी

बर्फ के रेगिस्तान लद्दाख में शिक्षा का चेहरा बदलने वाले सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) का कहना है कि चीन ने अपनी आंतरिक परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए सीमा पर भारत के साथ टकराव की रणनीति अपनाई है. सीमा पर तो जांबाज सैनिक इसका जवाब दे रहे हैं, लेकिन देश की जनता को भी चीनी सामान का बहिष्कार कर चीन पर ‘बुलेट और वॉलेट’ की दोहरी मार करनी होगी.

‘बायकॉट मेड इन चाइना’

शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले सोनम वांगचुक ने पिछले दिनों लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुए टकराव को चीन की सोची समझी साजिश करार दिया. उन्होंने ‘बायकॉट मेड इन चाइना’ अभियान की शुरूआत करते हुए देश के नागरिकों से चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने का आह्वान किया.

भारत के साथ ही नहीं वियतनाम, ताइवान और अब हांगकांग के साथ भी ऐसा कर रहा है

सोनम वांगचुक का कहना है कि हम चीन से मोतियों से लेकर कपड़ों तक पांच लाख करोड़ का सामान खरीदते हैं और यही पैसा सीमा पर हथियार और बंदूक के तौर पर वापस हमारे सैनिकों की मौत का कारण बन सकता है. रोलेक्स अवार्ड और रमन मैगसायसाय पुरस्कार हासिल करके अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल करने वाले सोनम वांगचुक का कहना है कि चीन सिर्फ भारत के साथ ही बिना वजह छेडछाड़ नहीं कर रहा, वह दक्षिण चीन सागर में वियतनाम, ताइवान और अब हांगकांग के साथ भी ऐसा ही कर रहा है. उनका मानना है कि चीन अपनी अंदरूनी समस्याओं से बचने के लिए इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहा है.

वांगचुक कहते हैं कि चीन में 140 करोड़ लोग मानव अधिकारों से महरूम हैं और उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जाता है. बेरोजगारी आसमान छू रही है और ऐसे में चीन सरकार को अपनी जनता की नाराजगी और बगावत का डर है, इसीलिए वह सीमा पर इस तरह की घटनाओं से अपनी जनता का ध्यान भटकाना चाहता है.