अभिनंदन लौटे हिन्दुस्तान : स्वागत को जमे रहे लोग

विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान भारत लौट आए हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार है कि जब किसी दूसरे देश की ओर से सैन्य अफसर को 36 घंटे के भीतर रिहा किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि जेनेवा संधि की वजह से अभिनंदन को इतनी जल्दी रिहा किया गया है। हालांकि जेनेवा संधि तब लागू होती है जब दो देश आपस में जंग का ऐलान कर देते हैं लेकिन अभी तक भारत-पाकिस्तान ने जंग की घोषणा नहीं की है।

नचिकेता आठ दिन बाद लौटे थे :

इससे पहले 27 मई, 1999 में करगिल युद्ध के दौरान वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के. नचिकेता को भी पाकिस्तान ने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आठ दिन बाद पाकिस्तान ने उन्हें रिहा किया था। नचिकेता ने पाकिस्तान की कैद में रहते हुए कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने उनका उत्पीड़न किया था, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था।

क्या है किसी नागरिक को सौंपने की प्रक्रिया :

– किसी नागरिक को सौंपने से पहले अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसाइटी स्वास्थ्य जांच करती है। यह जांच इसलिए की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उस देश के नागरिक को किसी तरह का कोई शारीरिक नुकसान तो नहीं पहुंचाया गया है।

– यदि किसी तरह का कोई ड्रग्स दिया गया हो और शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना दी गई हो, तो जिनेवा कन्वेंशन के तहत जांच जरूरी होती है।

– देश लौटने के बाद राजधानी दिल्ली में दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

– इसके बाद खुफिया एजेंसियों के अधिकारी उस नागरिक से पता लगाते हैं कि उनके साथ क्या-क्या हुआ।

– इसके बाद पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाती है। यदि कुछ आपत्तिजनक लगता है तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश किया जाता है।

जानें पूरा मामला

पाक की सीमा में घुस कर उसका एफ-16 विमान को मार गिराने वाले वायुसेना के जांबाज पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को शुक्रवार को लौटाने की बात पाकिस्तान की ओर से की गई थी। बता दें कि पीओके में उनका मिग-21 विमान क्रैश होने की वजह से पाक सेना ने पकड़ लिया था।

पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के ऐलान के बाद से अभिनंदन को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। पाक सेना उन्हें करीब 11 बजे उन्हें लेकर इस्लामाबाद से रवाना हुई। पाक मीडिया ने लाहौर से उन्हें शाम करीब साढ़े चार बजे भारी सुरक्षा के बीच वाघा सीमा लाने की जानकारी दी। लेकिन देर शाम साढ़े सात बजे तक उनके भारत लौटने पर संशय बना रहा।

स्वागत को जमे रहे लोग : अभिनंदन के वाघा सीमा के रास्ते आने की खबर मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह से ही जमे रहे। बीटिंग रीट्रिट रद्द किए जाने के बावजूद हजारों की संख्या में लोग तिरंगे, ढोल-ताशे के अभिनंदन की एक झलक पाने के लिए खड़े थे।

हाईकोर्ट में याचिका : पाकिस्तान कोशिश अभिनंदन को बीटिंग रिट्रीट के समय पर छोड़ने की थी, ताकि इसके जरिये वह कूटनीतिक बढ़त बना सके। वहीं, इस्लामाबाद हाईकोर्ट में उनकी रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की गई, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

सीमा पर रिट्रीट रद्द

भारत ने वाघा सीमा पर रोजाना शाम को होने वाले कार्यक्रम बीटिंग रिट्रीट (ध्वज उतारने का कार्यक्रम) को रद्द कर दिया। यह कदम प्रशासनिक जरूरतों के कारण उठाया गया।

सतर्कता कायम

अभिनंदन की वापसी के कदम के बावजूद तीनों सेनाएं सतर्क हैं। सूत्रों ने बताया कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एनएसए अजित डोभाल और तीनों सेनाध्यक्षों के साथ शुक्रवार को बैठक कर सुरक्षा हालात की समीक्षा की।