डॉ. हर्ष वर्धन ने एम्स नई दिल्ली के 65वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा एम्स के अध्यक्ष डॉ. हर्ष वर्धन ने आज नई दिल्ली में एम्स नई दिल्ली के 65वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित रहे। आज ही के दिन एम्स में अंडरग्रेजुएट शिक्षा की शुरुआत हुई थी और एमबीबीएस का पहला बैच 1956 में आया था।

भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नेशनल इंस्टिट्यट रैंकिंग फ्रेमवर्क में चिकित्सा संस्थानों में से नम्बर एक पर होने के लिए एम्स नई दिल्ली को बधाई दी। डॉ. हर्ष वर्धन ने संतोष व्यक्त किया कि एम्स नई दिल्ली ने 1956 में भारतीय संसद द्वारा स्थापित अपने उद्देश्यों को स्थापना वर्ष के दौरान और बाद में पूरा किया है और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, शिक्षा और अनुसंधान में उच्च मानक हासिल करने के लिए लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व और कठिन दौर में टेली-मेडिसिन और टेली-कंसल्टेशन के माध्यम से सुचारू रूप से चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सुनिश्चित करने में एम्स नई दिल्ली का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड महामारी के दौरान एम्स के व्यापक योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस से 50 लाख से अधिक रोगी संक्रमित हुए, लेकिन भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ने न केवल निदान के क्षेत्र में बहुत कुशलता प्रदर्शित की, अपितु प्रबंधन सुविधाओं में भी बेहतर कार्य किया। इसके अलावा मृत्यु की संख्या न्यूनतम तथा ठीक हुए मरीजों की संख्या अधिकतम रही।” उन्होंने कहा, “मैं इस बात की सराहना करता हूं कि पिछले छह महीने में एम्स ने कोविड-19 के पीड़ित रोगियों की देखभाल की बड़ी जिम्मेदारी ली और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार किया, देश भर के साथियों को मार्गदर्शन दिया तथा शिक्षण और सूचना के नये तरीके विकसित किए।”

कोविड-19 के खिलाफ जंग के बारे में डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “भारत की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है और मामलों पर मृत्यु दर में निरंतर गिरावट आ रही है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील मार्गदर्शन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई कंटेनमेंट कार्यनीति की सफलता साबित हुई है। हमने सफलतापूर्वक अपनी जांच क्षमता का विस्तार किया है। आज लगभग 15 लाख जांच का नया रिकॉर्ड बना है, देश भर में 1800 से अधिक जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। मुझे उपचार और कोविड-19 के वैक्सीन की दिशा में वैज्ञानिक विकास पर विश्वास है और भारत शीघ्र कोविड-19 के खिलाफ जंग में अधिक सफलता हासिल करेगा।”

इस अवसर पर चौबे ने कोविड-19 के काल में चिकित्सकों के अथक और निस्वार्थ प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एम्स ने अपनी बेहतर प्रतिष्ठा बनाई है और शैक्षिक, अनुसंधान तथा रोगियों की देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एम्स नई दिल्ली में अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि देशों के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं, यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स अपनी किस्म का एक ऐसा संस्थान है, जिसमें अति-उन्नत सुविधाएं हैं। सरकार एम्स की सेवाओं का देश के हर कोने में विस्तार करने के प्रयास कर रही है।

समारोह में डॉ. हर्ष वर्धन और चौबे ने स्नातक परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों और शिक्षा संकाय के सदस्यों को पुरस्कार और पदक प्रदान किए। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “यह प्रत्येक चिकित्सा विद्यार्थी का स्वप्न है कि वह एम्स का छात्र बने। 65वें स्थापना दिवस पर मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि ऐसे कुछ विचारों पर मंथन किया जाए, जो देश में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने और भारत को शीर्ष वैज्ञानिक राष्ट्रों की श्रेणी में ले जाने में मददगार होंगे।”

केन्द्रीय मंत्री ने अनुसंधान सेक्शन मैनुअल जारी किया और कोविड काल में एम्स प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसमें नई दिल्ली एम्स के योगदान को उजागर किया गया है, जिससे जन-स्वास्थ्य आपात की स्थिति से निपटा जा रहा है। एम्स के सभी विभागों ने कोविड-19 की जांच और मूल्यांकन, नमूने लेने की प्रक्रिया और प्रयोगशाला के कामकाज जैसे विषयों को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर चंडीगढ़ पीजी आईएमईआर के प्रोफेसर दिगम्बर बेहड़ा, एम्स नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, एम्स नई दिल्ली की डीन डॉ. अनिता सक्सेना, वैज्ञानिक प्रदर्शनी समिति के अध्यक्ष डॉ. पीयूष साहनी और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर उपस्थित रहे।