Delhi MCD election 2022: दिल्ली में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को दिया टिकट, AAP ने उठाया ये कदम

Hdnlive (नई दिल्ली): इस चुनाव(Delhi MCD election 2022) में पहली बार किसी राजनीतिक दल ने किसी ट्रांसजेंडर(transgender candidate) को टिकट दिया है। सुल्तानपुर माजरा से बॉबी किन्नर(Bobby transgender) को आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। बॉबी पिछला निगम चुनाव भी निर्दलीय लड़ चुकी हैं। सुल्तानपुर माजरा के निवासी प्यार से इन्हें ‘बॉबी डार्लिंग’(Bobby Darling) बुलाते हैं और अब वह आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर एमसीडी चुनाव के लिए तैयार हैं। बॉबी का सफर आसान नहीं रहा है। जीवन के शुरुआत में उनको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन अब वो इन सब बातों को भूलकर आगे बढ़ चुकी हैं।

38 वर्षीय बॉबी किन्नर का कहना है कि मैंने अपने पूरे जीवन में अपमान का सामना किया लेकिन इसने मुझे सपने देखने से कभी नहीं रोका। मेरे जैसे ट्रांसजेंडर लोगों को एक दिन समाज में सम्मान जरूर मिलेगा। मैंने वह उम्मीद कभी नहीं खोई। मुझे पता है कि ट्रांसजेंडर को अभी भी हेय दृष्टि से देखा जाता है और उन्हें समान अवसर नहीं मिलते। बॉबी कहती हैं कि बहुत कुछ किया जाना है, यह उस दिशा में पहला कदम है।

AAP में कैसे शामिल हुईं यह पूछे जाने पर कि वह AAP में कैसे शामिल हुईं और लोगों से समर्थन कैसे प्राप्त किया, उन्होंने कहा,मैंने अन्ना आंदोलन में भाग लिया और अरविंद केजरीवाल जी से मुलाकात की। मैं उनके परिवर्तन और विकास के विचारों से प्रेरित होकर पार्टी से जुड़ी। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में मैं अपने क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं चुनाव लड़ूंगी लेकिन सुल्तानपुर के लोगों ने मेरा हौसला बढ़ाया और कहा, ‘तुम लड़ो, हम तुम्हें वोट देकर जिताएंगे।

अपने सफर को याद करते हुए कहा एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में बॉबी ने एक वेडिंग डांसर से सामाजिक कार्यकर्ता तक के अपने सफर को याद करते हुए कहा कि मेरे माता-पिता मुझसे प्यार करते थे लेकिन वो भी समाज के दबाव के चक्कर में थोड़ा फंस गए। इससे पहले कि वह एक ट्रांसजेंडर के रूप में अपनी पहचान बना पाती, बॉबी को स्कूल और उसके पड़ोस में लगातार धमकाया और परेशान किया गया। 14-15 साल की उम्र में ट्रांसजेंडर समुदाय के एक गुरु ने उन्हें अपना लिया। बॉबी ने कहा कि जब मैं लगभग 14-15 वर्ष की थी, तो मुझे मेरे गुरु ने ग्रहण कर लिया, जो अब नहीं रहे, और मुझे आश्रय और प्रेम दिया।

बॉबी शुरुआत में, शादियों और बर्थ पार्टी में नाचती और गाती थीं, लेकिन 22 साल की उम्र में एक एनजीओ में शामिल हो गईं और पढ़ना-लिखना सीख लिया। बाद में वह एक सामाजिक कार्यकर्ता बन गईं और वंचित बच्चों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए काम किया। बॉबी का जन्म और बचपन सुल्तानपुर इलाके में ही हुआ।