ममता का बड़ा फैसला, Student Credit Card से छात्रों को मिलेगा 10 लाख का लोन

कोलकाता (hdnlive) पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड (Student Credit Card) योजना को मंजूरी दे दी है. 30 जून को इस योजना को लांच किया जायेगा. स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बंगाल के विद्यार्थियों को बैंकों से राज्य सरकार की गारंटी पर 10 लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा.

राज्य सचिवालय नबान्न भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है.

उन्होंने बताया कि आगामी 30 जून को इस योजना को औपचारिक रूप से लांच किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत छात्रों को पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जायेगा. यह लोन दिलाने के लिए राज्य सरकार गारंटर बनेगी. छात्रों के अभिभावकों को अपनी संपत्ति बंधक नहीं रखनी पड़ेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को यह ऋण मुहैया कराया जायेगा. राज्य के 40 वर्ष की आयु तक के विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोन लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को नौकरी मिलने के एक वर्ष बाद से अगले 15 वर्षों में राशि यह वापस करनी होगी.उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 में ममता बनर्जी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा कया था. प्रचंड बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता पर काबिज होने वाली तृणमूल कांग्रेस की सर्वेसर्वा ममता बनर्जी ने सरकार गठन के बाद अपने वायदों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है.

ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड की लांचिंग के बाद 10वीं कक्षा या उससे ऊपर के विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए बहुत कम ब्याज पर 10 लाख रुपये तक का सॉफ्ट लोन ले सकेंगे. पश्चिम बंगाल में 10 साल से रह रहे सभी लोग इस योजना का लाभ ले सकेंगे.

बेहद सरल होगी लोन लेने की प्रक्रिया

ममता बनर्जी ने कहा कि लोन की प्रक्रिया काफी सरल होगी. इस कार्ड के लिए ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकेंगे. ज्ञात हो कि ममता बनर्जी ने इसके पहले कृषक बंधु योजना का विस्तार किया था. इसके तहत अब किसानों को मिलने वाली 5 हजार रुपये की सालाना सहायता को बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है.