गुण दोष के आधार पर निरस्त होगा संजय गांधी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन – ब्रजेश पाठक

स्वामीनाथ शुक्ल | hdnlive
अमेठी। संजय गांधी अस्पताल में एक महिला की मौत के मामले में मुख्य कार्यकारी अधिकारी और तीन डाक्टरों के खिलाफ मुंशीगंज थाने में मामला दर्ज हो चुका है। बाकी नए मरीजों के भर्ती पर सरकारी रोक लग गई है। संजय गांधी अस्पताल का संचालन संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली करता है। इस ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सदस्य हैं। मौत से जुड़ा मामला शाहगढ़ की दिव्या शुक्ला का है। इनके पति अनुज शुक्ल ने बताया कि वे अपनी पत्नी दिव्या शुक्ला 22 को पथरी की सर्जरी के लिए 13 सितंबर को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था। इसके बाद आपरेशन थियेटर में जाने के पहले बिल्कुल सही थी। लेकिन आपरेशन थियेटर में बेहोशी का डोज ज्यादा देने से होश नहीं आया था। जिससे दिव्या तीस घंटे तक कोमा में थी। इसके बाद मौत हो गई।परिजनों का आरोप है कि ज्यादा डोज के कारण मौत हो गई।

दिव्या की मौत के बाद शनिवार की शाम से रविवार की सुबह तक परिजन संजय गांधी अस्पताल के गेट पर शव को रखकर धरने पर बैठे थे। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र और पुलिस अधीक्षक डॉ इलामारन की बातचीत के बाद परिजन धरने से उठे थे। मुंशीगंज थाने के कोतवाल अखंड देव मिश्र ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवधेश शर्मा, डॉ मोहम्मद रजा, डॉ सिद्दीकी और डॉ शुभम द्विवेदी के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में धारा 304A का मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस संबंध में संजय गांधी अस्पताल के सर्जन डॉ मोहम्मद रजा ने बताया कि आपरेशन थियेटर में सबके अलग-अलग काम होते हैं। उनका काम केवल आपरेशन का होता है। आपरेशन के पहले महिला की हालत बिगड़ गई थी। जिससे आपरेशन नहीं हुआ था। बेहोशी का इंजेक्शन देने का काम एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ सिद्दीकी का था। उन्होंने कहा कि वे दसियो हजार आपरेशन कर चुके हैं। कभी कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बेहोशी के डाक्टर भी तीस साल से यही काम कर रहे हैं। संजोग है। एक दवा से सौ लोग ठीक होते हैं। लेकिन वही दवा किसी किसी को शूट नहीं करती है। लखनऊ इलाहाबाद में 80 हजार का आपरेशन यहां तीस हजार रुपए में होता है।

महिला के मौत की खबर आने के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत का मामला बहुत गंभीर है। मेरे आदेश पर सीएमओ की तीन सदस्यीय टीम से प्रारंभिक जांच कराई गईं। जांच रिपोर्ट में कमी के आधार पर अस्पताल प्रशासन को क्लीनिकल एक्ट के अंतर्गत स्पष्टीकरण हेतु नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं। जबाव आने के बाद गुण दोष के आधार पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर सील किए जाने की कार्यवाही भी की जाएगी। अस्पताल प्रशासन को नए मरीजों को भर्ती न करने के निर्देश के साथ रोक लगा दी गई है। सभी कार्यवाही अतिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। मरीजों ने बताया कि आपातकालीन सेवा के लिए संजय गांधी अस्पताल से बेहतर कोई अस्पताल नहीं है। सरकारी अस्पतालों में कोई सुनने वाला नहीं है।