दक्षिणी दिल्ली में संघ ने चलाया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का सामाजिक अभियान

नई दिल्ली, (hdnlive)। भारतीय जवानों ने गलवान घाटी में धोखेबाज चीनी सेना को जिस प्रकार सबक सिखाया, उसी प्रकार भारतीय समाज भी चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके उसकी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने के लिए उठ खड़ा हुआ है। सोशल साइट्स पर देखने को मिल रहा है कि देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम चल पड़ी है।

लोग चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का संकल्प ले रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी इस अभियान को जन-जन तक ले जाने की मुहिम चलाई है। शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दक्षिणी दिल्ली के जिला कार्यवाह मास्टर विनोद ने बताया कि चीनी बहिष्कार का यह जागरण अभियान कार्यक्रम सुबह 11 बजे से प्रारम्भ किया गया है। संघ ने समाज के लोगों से आग्रह किया है कि वे चीन में बनी बस्तुओं का बहिष्कार करें। चीन के खिलाफ गत्ते, तख्तियों और पोस्टरों पर नारे लिखकर परिवार सहित सेल्फी लें और सेल्फी को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक अपलोड करें।

उन्होंने बताया कि ट्विटर पर भी “हैश टैग अब चीनी नहीं “हैस-टेग को ट्रेंड करें। दक्षिणी दिल्ली जिले के प्रचार प्रमुख प्रभाकर ने बताया कि धूर्त चीन के विरुद्ध चलाया गया यह अभियान समाज का अभियान है और समाज ही इसे आगे बढ़ाएगा। संघ इसका नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा कि चीन सारी दुनिया में कोरोना की बीमारी फैला कर अब अपने पड़ोसियों को परेशान कर रहा है। वो भारत मां पर बुरी नजर रखे हुए है।

भारत मां के सपूत अपनी मां पर बुरी नजर रखने वाले की आंखे नोंचना जानते हैं। अब समय आ गया है कि हम सभी एक होकर चीन का और उसके सामान का बहिष्कार करें। भारत चीन के बीच करीब 4.6 लाख करोड़ का कारोबार है।कंफेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने भी चीन के खिलाफ अपना अभियान छेड़ा हुआ है। कैट ने अपने अभियान को कामयाब बनाने के लिए साल 2021 के दिसम्बर माह तक चीनी सामानों के आयात में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की कमी का लक्ष्य रखा है। यानी आने वाले 2021 के अंत तक यह टारगेट रखा गया है कि भारत करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के सामानों को खरीदना बंद कर देगा।