दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर घबराने की जरूरत नहीं : केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा राजधानी में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है। श्री केजरीवाल ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हमने कोरोना की जांच तीन गुना बढ़ा दी है, कोरोना संक्रमितों की संख्या रोजाना करीब तीन हजार बढ़ रही है, टेस्ट अधिक हो रहे हैं इसलिए केस बढ़ रहे है ,लेकिन घबराने की कोई बात नही है, सब काबू में है। दिल्ली में हालात काबू में हैं।”

देश में कोरोना मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर है। दिल्ली में अब वाणिज्यिक नगरी मुंबई से अधिक मामले हैं। दिल्ली में कुल मामले 73780 और संक्रमण से 2429 की मौत हो चुकी है। श्री केजरीवाल ने कहा कोरोना मरीजों के लिये फिलहाल बेड की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 13500 बेड अभी हैं और बुराड़ी अस्पताल में 400 और बेड बढ़ाने की अनुमति दी है, लेकिन आने वाले समय में हमें सबसे ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत होगी।

केजरीवाल ने कहा कि 45 हजार मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पहला राज्य है जहां प्लाज़्मा उपचार करने में सफलता मिली है। अब हमें केंद्र ने 200 मरीजों पर प्लाज़्मा के इस्तेमाल की इजाजत दी है। प्लाज्मा थेरेपी पर काम जारी है। एलएनजेपी अस्पताल में पहले हर रोज जितनी मौत हो रही थीं, प्लाज्मा के इलाज से अब अपेक्षाकृत कम मौतें हो रही है।

उन्होंने दावा किया कि होम आइसोलेशन और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के घर ऑक्सीमीटर भिजवा दिये गये हैं, जिस मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत होगी, उसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती करेंगे। मरीज का ऑक्सीजन लेबल 90 या इससे नीचे आता है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बैंक्वेट हाल में भी आइसोलेशन के लिए बेड लगाए गये हैं। अभी अस्पताल में करीब 7500 बेड खाली पड़े है। फिलहाल हमारे पास पर्याप्त इंतजाम है। आईसीयू बेड की आवश्यकता है जिसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। बैंक्वेट हाॅल में 3,500 बेड बढ़ाए जा रहे है और हम कुछ अस्पतालों में आईसीयू बेड भी बढ़ाएंगे। अभी कुल 26,000 कोरोना मरीज हैं जिनमें से सिर्फ 6,000 अस्पताल में भर्ती हैं। अभी भी 7,500 बेड अस्पतालों में खाली है। उन्होंने कहा कि 3,000-3,500 मामले रोज़ आने के बावजूद भी लोगों को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है।