जज : गुजरात सिविल अस्पताल की हालत कालकोठरी से भी ख़राब

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना से हो रही मौतों को देखते हुए सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा, अहमदाबाद में कोरोना रोगियों के लिए बने सिविल अस्पताल की हालात कालकोठरी से भी बद्तर है. राज्य में संक्रमण से कुल 829 लोगों की मौत हो गई है जिसमें से 377 सिविल अस्पतालों में हुई, जो कुल मौतों का 45% है. जस्टिस जेबी पर्दीवाला और जस्टिस इलेश वोरा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को जल्द से जल्द कोरोना मरीजों के इलाज और दी जा रही सुविधाओं में सुधार करने को कहा है.

जज ने कहा, यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि सिविल अस्पताल की स्तिथियां अब तक बहुत ही खराब है. हमें दुःख है कि अहमदाबाद का सिविल अस्पताल बहुत बुरे हाल में है, जैसा कि पहले भी बता चुकें हैं कि सिविल अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए है, लेकिन आज की तारीख में इसकी हालत कालकोठरी से ज्यादा खराब है. ऐसा लगता है

कोर्ट ने 50 प्रतिशत बेड रिजर्व करने को कहा

कोर्ट ने सिविल अस्पताल के प्रभारी जयंती रवि, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार, सचिव मिलिंद तोरवने से पूछा कि क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री (नितिन पटेल) और मुख्य सचिव (अनिल मुकीम) को रोगियों और कर्मचारियों को होने वाली दिक्कतों के बारे में पता है. कोर्ट ने कहा, “क्या राज्य सरकार को इस बात की जानकारी है कि सिविल अस्पताल में मरीज वेंटिलेटर की कमी के कारण मर रहे हैं?” अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अहमदाबाद शहर में सभी मल्टीस्पेशियलिटी, निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों के लिए अनिवार्य रूप से एक अधिसूचना जारी करे कोरोना के लिए 50 प्रतिशत बेड रिजर्व करे.

राज्य में 19 सरकारी प्रयोगशालाएं हैं जो कोविद रोगियों के लिए RTCRPCR परीक्षण का आयोजन करती हैं। अब तक 1,78,068 नमूनों का परीक्षण किया गया है.

अहमदाबाद में 277 नए मामले

अहमदाबाद में शनिवार को 277 नए मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब अहमदाबाद में कुल संक्रमितों की संख्या 10,001 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अहमदाबाद के विभिन्न अस्पतालों में शनिवार को कोविड-19 से 24 और लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही अहमदाबाद में संक्रमण से अब तक 669 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.