पटना के कई इलाकों में लोगों का नहीं मिल रहा है सहयोग

कोरोना संक्रमितों के मोहल्ले में सर्वे करने वाली टीम से लोग दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। शहर की मछली गली से लेकर कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग नहीं किया जा रहा है। मामला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा, जिसके बाद संबंधित थानों की मदद ली जा रही है।

शहर के कई ऐसे भी मोहल्ले हैं, जहां सर्वे टीम घर में जाने से डर रही है। हर घर का सर्वे कराने का उद्देश्य संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उन्हें बाहर लाना है। जहां कोरोना के संक्रमित मिल रहे हैं, वहां और उसके आसपास के इलाकों में कई टीमों को लगाया जा रहा है, जबकि सामान्य इलाकों में भी विशेष निगरानी के साथ घर-घर सर्वे कराया जा रहा है। पटना में शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों का भी सर्वे कराया जा रहा है।

डीएम कुमार रवि ने सर्वेक्षण को लेकर कड़ा निर्देश भी जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम का आरोप है कि लोगों ने सहयोग ही नहीं किया है। राजाबाजार का एरिया सबसे अधिक संवेदनशील है और यहां सर्वे को लेकर काफी संवेदनशीलता है, लेकिन आम लोगों का सहयोग नहीं है और विरोध भी किया जा रहा है। वार्ड 5 की मदरसा गली और माप तौल गली में सर्वे करने गई टीम को कुछ लोग घर में घुसने से ही मना कर दिए।

पटना में 15 कंटेनमेंट जोन

पटना में कंटेनमेंट जोन पूर्व में 14 थे। इसमें बुधवार को बेईमान टोला को भी जोड़ा गया है। ऐसे एरिया में विशेष रूप से सर्वे कराया जाना है। बेली रोड पर शेखपुरा से लेकर जगदेव पथ तक सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन हैं और इसी एरिया में लोगों द्वारा मनमानी की गई है। सूत्रों का कहना है कि क्षेत्र में कई ऐसी गलियां हैं, जहां विरोध के कारण टीम सर्वे ठीक से नहीं कर पाई है।

शिकायत मिली थी, अब हो गया समाधान

सिविल सर्जन डॉक्टर डॉ राज किशोर चौधरी का कहना है कि कई इलाकों में सर्वे टीम का सहयोग नहीं करने के साथ विरोध की शिकायत आई थी। ऐसे मामलों में पुलिस की मदद से समस्या का समाधान कराया गया है। कोई भी मोहल्ला हो डीएम का निर्देश है कि हर घर का सर्वे कराया जाना है। संवेदनशील क्षेत्रों में तो विशेष चौकसी है। सर्वे टीम जब भी ऐसी शिकायत करती है, तत्काल कार्रवाई की जाती है।