रूस: चीन और भारत पर भरोसा है मामला शांति से सुलझालेंगे

भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प (India-China fringe faceoff) के बाद रूस (Russia) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. रूस ने स्पष्ट कहा है कि चीन (China) और भारत (India) दोनों ही उसके दोस्त और अहम सहयोगी हैं ऐसे में वह इस झड़प से चिंतित तो है लेकिन उसे भरोसा है कि मामला शांति से सुलझ जाएगा. रूस ने कहा कि दोनों ही देश समझदार हैं और उसका मानना है कि उसके दोनों करीबी सहयोगी खुद ही टकराव की स्थिति को सुलझा लेने में सक्षम हैं.

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे और इस घटना में चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं. रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा, ‘हम निश्चित रूप से बहुत ध्यान से देख रहे हैं कि चीनी-भारतीय सीमा पर क्या हो रहा है. हमारा मानना है कि यह बहुत ही चिंताजनक रिपोर्ट है.’ रूसी समाचार एजेंसी तास ने पेसकोव के हवाले से बताया, ‘लेकिन हमारा मानना है कि दोनों देश भविष्य में इस तरह की स्थिति को टालने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सक्षम हैं.’ प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत रूस के करीबी सहयोगी हैं और ‘पारस्परिक सम्मान के आधार पर बने (रूस के साथ) बहुत करीबी संबंध हैं.’

मेरिका ने भी जताई जल्द शांति स्थापित होने की उम्मीद

उधर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और वह उम्मीद करता है कि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हालात पर हम करीब से नजर रख रहे हैं.

भारतीय सेना ने घोषणा की है कि उसके 20 सैनिक मारे गए हैं. हम उनके परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.’ प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही देशों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई है और अमेरिका वर्तमान हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, ‘(अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दो जून 2020 को फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और चीन सीमा के हालात पर चर्चा की थी.’