लॉकडाउन 4.0 के बाद मोदी सरकार क्या है ? कितनी सख्ती, कितनी छूट

केंद्र सरकार 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद नियम निर्धारित करने के लिहाज से अपनी भूमिका सीमित करने और इस संबंध में राज्यों को ज्यादा छूट देने पर विचार कर रही है। केंद्र कोविड-19 प्रभावित इलाकों को वर्गीकृत करने और लॉकडाउन के नियम तय करने को लेकर राज्यों की तरफ से लगातार प्रकट की जा रही भावना का सम्मान कर रहा है। इसलिए, मोदी सरकार भविष्य की बड़ी भूमिका राज्यों पर ही छोड़ने का मन बना रही है। अधिकारियों ने कहा कि अब राज्यों को अधिकार दे दिया जाएगा कि वो 1 जून से अपने यहां लॉकडाउन के नियमों को कितना सख्त या सुविधाजनक बनाना चाहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, मॉलों, सिनेमा हॉलों का क्या

केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन और राजनीतिक आयोजनों के साथ-साथ मॉलों, सिनेमा हॉलों पर लगी पाबंदी कायम रख सकती है। साथ ही, वह अथॉरिटीज को आगे भी यह सुनिश्चित करने को कह सकती है कि लोगफेस मास्क लगाएं और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें।

स्कूल और मेट्रो सर्विस पर राज्य लेंगे फैसला?

जहां तक बात स्कूल खोलने और मेट्रो ट्रेन सर्विस बहाल करने की है तो इन पर गेंद राज्यों के पाले में डाला जा सकता है। हालांकि, धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं, इसका फैसला भी राज्यों पर छोड़ा जा सकता है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने हाल में कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि राज्य में मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों समेत अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी जाए।

नगर निकायों पर केंद्र की नजर

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित उन 30 नगर निकायों के कंटेनमेंट जोनों में सख्ती बरतते रहने का सुझाव जरूर देगी जहां से देश में कुल 80% कोविड-19 मरीज सामने आए हैं। ये 30 नगर निकाय महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, प. बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा से हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पूरी संभावना है कि केंद्र सरकार 1 जून से पाबंदियों या इससे छूट देने का फैसले लेने में अपनी भूमिका सीमित कर ले। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर इन मुद्दों को फैसले लेने होंगे।’

13 शहरों की समीक्षा

अधिकारी ने बताया, ‘अब से लॉकडाउन की हर 15 दिनों में समीक्षा होगी जिसमें राज्यों को ज्यादा तवज्जो दिया जाएगा।’ केंद्र सरकार चारों महानगरों-मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नै समेत 30 शहरों में बिगड़ते हालात को लेकर खासा चिंतित है। कैबिनेट सेक्रटरी राजीव गौबा ने गुरुवार को इन 30 में से 13 नगर निकायों को म्यूनिसिपल कमिश्नरों और जिलाधिकारियों से बात की और हालात का जायजा लिया।