PM मोदी ने ICC वीडियो कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में कुछ अहम बाते कही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. ICC के एनुअल डे फंक्शन में पीएम ने कहा कि आज के वक्त में देश का आत्मनिर्भर होना जरूरी है, दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी. हर वो चीज, जिसे इम्पोर्ट करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं प्रोडक्ट का भारत एक्सपोर्टर कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है.

पीएम मोदी ने कहा, देश कई मुश्किलों को झेल रहा है. आज देश में कोरोना वायरस है, टिड्डी की चुनौती हैं, कहीं आग लग जा रही है तो रोज भूकंप भी आ रहे हैं, इस बीच दो साइक्लोन भी आए हैं. कभी-कभी समय भी हमारी परीक्षा लेता है. लेकिन इन सभी मुसीबतों की दवाई सिर्फ और सिर्फ मन की मजबूती ही है.

उन्होंने कहा, आत्मनिर्भरता का, सेल्फ रियालंस का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक Aspiration की तरह जिया है लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है. हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं. हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं.

Driven की वजह से बचे 19 हजार करोड़ रुपए

Individuals, Planet and Profit एक दूसरे से इंटर लिंक्ड हैं. ये तीनों एक साथ Flourish कर सकते हैं, Co-exist कर सकते हैं. मैं आपको कुछ उदाहरण देकर समझाता हूं. जैसे LED बल्ब। 5-6 वर्ष पहले एक LED बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज्यादा में मिलता था आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, LED की वजह से बच रहे हैं. ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है.

एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त किया

किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है. अब भारत के किसानों को अपने प्रोडक्ट, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है. लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है. जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. इसके साथ ही बांस (Bamboo) और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स (Organic Products) के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे. सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है. ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है.

आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं. सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ पूर्व और नॉर्थ ईस्ट के लोगों को होगा. मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है. मैन्युफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा. हम हमेशा सुनते आए हैं “What Bengal thinks today, India Thinks Tomorrow”. हमें इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा.

सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना

भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है-देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का. इसमें People, Planet और Profit तीनों ही विषय Address होते हैं. विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है. इससे आपके यहां जूट (Jute) का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है.

बैंकिंग सर्विस का दायरा बढ़ाया

अब देश में बैंकिंग सर्विस का दायरा उन लोगों तक भी पहुंच पाया है, जिनको लंबे समय तक Have nots की श्रेणी में रखा गया था. DBT, JAM यानि जनधन आधार मोबाइल के माध्यम से बिना लीकेज करोड़ों लाभार्थियों तक जरूरी सहायता पहुंचाना संभव हुआ है. आप ये जानते ही हैं कि GeM प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप, MSMEs, सीधे भारत सरकार को अपने गुड्स और अपनी सर्विसेज उपलब्ध करा सकते हैं.

देश में ही सोलर पैनल की मैन्युफेक्चरिंग, पावर स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर बैटरी के R&D और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करें. जो इस काम में जुटे हैं, ऐसे संस्थानों की, MSMEs की हैंडहोल्डिंग करें. ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है. ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए.