आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के लिए राहुल गांधी के मन में इतना सम्मान’!

पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मसूद अजहर जी बोला है। राहुल गांधी के इस बयान पर सियासी घमासान मचना तय है। विरोधी पार्टियां लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को भुना सकती हैं।

दरअसल, राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र करते हुए वे भाजपा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर निशाना साध रहे थे। इसी दौरान उन्होंने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना को मसूद अजहर जी बोल दिया।

भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर राहुल के इस बयान को शेयर भी किया गया है। भाजपा के ट्विटर लिखा गया है, ‘ देश के 44 वीर जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के लिए राहुल गांधी के मन में इतना सम्मान’!

पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैश-ए-मुहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। तत्कालीन केंद्र की भाजपा सरकार ने इस आतंकी सरगना को पाकिस्तान के हवाले कर दिया था। वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इसमें शामिल थे।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कसा तंज

आतंकी मसूद अजहर को ‘जी’ कहने पर राहुल गांधी की आलोचना शुरु हो गई है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर राहुल गांधी के इस बयान पर तंज कसा है। केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘ कम ऑन “राहुल गांधी जी”! पहले ये लोग दिग्विजय सिंह के पसंद थे, जिन्हें वे “ओसामा जी” और “हाफिज सईद साहब” कहते थे। अब आप “मसूद अजहर जी ” कह रहे हैं। कांग्रेस को क्या हो गया है?

राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘ राहुलजी के ‘मसूद’ कटाक्ष को जान-बुझकर न समझने वाले भाजपाईयों व चुनिंदा  साथियों से 2 सवाल-: 1. क्या NSA श्री डोभाल आतंकवादी मसूद अज़हर को कंधार जा रिहा कर नहीं आए थे? 2. क्या मोदी जी ने पाक की ISI को पठानकोट आतंकवादी हमले की जाँच करने नहीं बुलाया?

बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर ने ली थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक किया था। वायुसेना ने जैश-ए-मुहम्मद के कैंपों को तबाह कर दिया था।