दिल्ली भूजल समस्या:सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और उनके नगर निकायों को कड़ी फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में भूजल में कमी की गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाने के लिए केन्द्र, दिल्ली सरकार और उनके नगर निकायों को बुधवार को कड़ी फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने नीति आयोग की उस रिपोर्ट का संदर्भ लिया जिसमें कहा गया था कि विभिन्न अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी ड़ालकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं।

जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने कहा कि आप पानी की खपत कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, भूजल के संरक्षण तथा इसके स्तर को बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।

बैंच ने केन्द्र से दिल्ली में भूजल में कमी रोकने के लिए त्वरित, मध्यवर्ती तथा दीर्घाकालीन कदम उठाने के निर्देश दिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आठ मई को दिल्ली के अधिकतर क्षेत्रों में भूजल की अत्याधिक दोहन पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।

कोर्ट ने केन्द्रीय भूजल बोर्ड की दिल्ली में मई, 2000 से मई, 2017 की अवधि के भूजल स्तर के बारे में पेश रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कहा था कि इससे पता चलता है कि स्थिति गंभीर है।

कोर्ट अनधिकृत निर्माणों को सील होने से बचाने के लिए दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2006 और इसके बाद बने कानूनों की वैधता से संबंधित मुद्दे पर विचार कर रहा है।