दिल्ली में रेड अलर्ट की संभावना,DDMA की बैठक के बाद बढ़ सकती पाबन्दियाँ

Hdnlive|Delhi News: राजधानी दिल्ली में एक दिन में कोरोना के 20,181 नए मामले सामने आए। राजधानी में पॉजिटिविटी दर अब 19.60 फीसदी हो गई है। कोविड के नए वेरिएंट ‘ओमीक्रोन’ के भी 513 मामले हो गए हैं। बढ़ते मामलों के बीच सोमवार को डीडीएमए(DDMA) की बैठक बुलाई गई है। इसमें ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के लेवल चार यानी रेड अलर्ट को लागू करने पर विचार होगा। पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिनों तक 5 फीसदी से अधिक होने पर रेट अलर्ट को लागू किया जाता है। इससे पूरी तरह कर्फ्यू यानी लॉकडाउन, गैर-जरूरी दुकानों, मेट्रो जैसी गतिविधियों पर रोक लग जाएंगी।

दिल्ली में अभी लॉकडाउन न लगाया जाए : CTI
दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोविड ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को डीडीएमए की मीटिंग भी होनी है और इससे पहले व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने ‌डीडीएमए को पत्र लिखकर मांग कि है कि दिल्ली में अभी लॉकडाउन न लगाया जाए।सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में जिस तरह कोविड संक्रमण दर बढ़ रही है, उससे व्यापारियों को लॉकडाउन का डर सता रहा है।
उन्होंने कहा कि डीडीएमए की मीटिंग में सिर्फ संक्रमण के आधार पर फैसला नहीं होना चाहिए। ग्रैप की पाबंदियां डेल्टा की खतरनाक स्थिति को देखते हुए बनी थीं, लेकिन ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं और अभी अस्पतालों में बेड भरने और बीमारी के लक्षणों पर भी गौर करने की जरूरत है। बहुत सारे संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।

‘अभी ‘येलो’ अलर्ट ही जारी रखा जाए’
बृजेश गोयल ने कहा कि पिछले साल अप्रैल-मई में आई लहर की तुलना में इस बार अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम है। ज्यादातर मरीज हल्के लक्षणों वाले हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों से जाहिर है कि अभी कोरोना के केस बढ़े जरूर हैं, लेकिन घातक नहीं हैं। सीटीआई ने अपील की है कि अभी ‘येलो’ अलर्ट को ही जारी रखा जाए। बाजारों पर अतिरिक्त सख्ती की गई, तो कारोबारी और कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान होगा। सरकार को भी राजस्व की हानि झेलनी पड़ेगी।

दिल्ली के अस्पतालों में 90% बेड खालीः जैन
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार अस्पतालों में एडमिशन काफी कम है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में बेड्स बढ़ाने से लेकर कोविड केयर सेंटरों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था कर ली है। दिल्ली के अस्पतालों में फिलहाल करीब 90 फीसदी बेड खाली हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में डेल्टा की लहर के दौरान एक दिन में 17 हजार केस आने पर ढाई हजार तक लोग एडमिट हो रहे थे। इस बार जब 200 से 300 तक लोग भर्ती हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस में भी अब बदलाव किया गया है। कोई भी मरीज होम आइसोलेशन में है, तो वह पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद डिस्चार्ज हो सकता है।