वैष्णो देवी भगदड़ में दर्दनाक हादसे के बाद अब हरियाणा में भूस्खलन

Hdnlive|वैष्णो देवी(Vaishno Devi) के दरबार में भगदड़ के बाद 12 लोगों की मौत का मामला शांत नहीं हुआ कि नए साल पर एक और दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। हरियाणा के भिवानी(Haryana, Bhiwani) में भूस्खलन हो गया। वहां से गुजर रहीं कई गाड़ियां पहाड़ के मलबे के नीचे दब गईं। एक शव बरामद कर लिया गया है। जबकि अन्य को निकालने के प्रयास जारी है।

हादसा नए साल पर हुआ। पहाड़ी रास्ते से कई गाड़ियां गुजर रही थीं। तभी अचानक पहाड़ भरभराकर टूट पड़ा। लगभग दस से 15 गाड़ियां के ऊपर यह मलबा आ गिरा और सारी गाड़ियां दब गईं।

” भिवानी में दादम खनन क्षेत्र में दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन दुर्घटना से दुखी हूं। मैं त्वरित बचाव अभियान और घायलों को तत्काल सहायता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं ” मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा सीएम।

अचानक गिरा पहाड़, मचा हड़कंप
मलबा गिरते ही इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। स्थानीय लोगों ने राहत कार्य शुरू किया। एक शख्स का शव थोड़ी देर में बाहर निकाला गया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि 15 से 20 लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।

तीन अस्पताल में भर्ती
वहीं घटनास्थल पर पहुंचे हरियाणा के मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि कुछ लोगों की जान गई है, अब तक तीन लोग अस्पताल गए हैं। 3-4 लोग और दबे हो सकते हैं। प्रशासन को आदेश दिया गया है कि दबे हुए लोगों को निकालने की कोशिश करें। फिलहाल राहत कार्य चल रहा है।

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वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच हुई भगदड़

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कटड़ा स्थित वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच हुई भगदड़ (Vaishno devi charge) में 12 लोगों की दर्दनाक मौत हुई है। इस हादसे में 20 से अधिक लोग घायल हैं और अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। घटना के बाद प्रशासन से लेकर दिल्ली की सरकार तक सभी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। लेकिन सवाल उन श्रद्धालुओं की ओर से पूछा जा रहा है, जिनके परिवार के लोग हादसे में हताहत हुए हैं। एक मासूम बच्ची और दो महिलाओं समेत कुल 12 लोगों की जान जाने के बाद सवाल ये है कि उत्तर भारत के सबसे सिक्योर मंदिर के रूप में मशहूर वैष्णो देवी में हादसा हुआ क्यों।

वैष्णों देवी मंदिर (Vaishno Devi) में क्राउड कंट्रोल से लेकर सिक्योरिटी तक की हाई क्लास व्यवस्था है। मंदिर में दर्शन के लिए एक यात्रा रजिस्ट्रेशन होता है, जिसकी पर्ची ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से ली जाती है। इस पर्ची की एक सीमित संख्या ही जारी की जाती है, जिससे कि मंदिर पर क्राउड को कंट्रोल किया जा सके। ये कोटा फिलहाल 25 हजार श्रद्धालुओं का है, जिसकी 20 फीसदी संख्या ऑनलाइन यात्रा पर्चियों के रूप में अलॉट होती है।


‘जब भीड़ बढ़ती है तो पर्ची जारी करना बंद हो जाता है’
आम तौर पर तय कोटे के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने पर बाणगंगा चेकपोस्ट के गेट्स बंद करने की व्यवस्था है, जिससे कि मुख्य भवन पर ज्यादा भीड़ ना हो। लेकिन इस बार इसका ध्यान नहीं रखा गया। इसके अलावा मंदिर के मुख्य भवन पर लाइन लगाने के लिए भी अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई। मंदिर परिसर में तमाम गेट्स हैं, जहां से भीड़ की स्थितियों में श्रद्धालुओं को मंदिर में घुसने की व्यवस्था दी जाती है। इसके अलावा कटड़ा, बाणगंगा, हिमकोटी और मुख्य भवन पर चेक पोस्ट्स भी हैं। सभी से पर्चियों को चेक करने के बाद लोगों को आगे बढ़ने दिया जाता है। इस बार इसे भी इग्नोर किया गया।